रंग लाया AAP का विरोध प्रदर्शन, क्लीयर हुई मोहल्ला क्लीनिक की फंसी फाइल
नई दिल्ली। बुधवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन रंग लाया और मोहल्ला क्लीनिक की रुकी हुई फाइल क्लीयर हो गई है। इतना ही नहीं आप सरकार और एलजी हाउस के बीच डेडलॉक भी खत्म हो गया। इस पूरे प्रकरण में केजरीवाल का पलड़ा भारी रहा। गुरुवार को सीएम केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एलजी अनिल बैजल के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे। मीटिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग और मोहल्ला क्लीनिक प्रोजेक्ट से जुड़े तमाम अधिकारी पहले ही मौजूद थे।
करीब सवा पांच बजे सीएम और एलजी की बैठक शुरु हुई और साढे पांच बजते बजते खबर आ गई कि मोहल्ला क्लीनिक को लेकर सरकार और एलजी हाउस के बीच डेडलॉक खत्म हो गया है। 20 मिनट चली मीटिंग में मोहल्ला क्लीनिक की फाइल क्लीयर होने की जानकारी खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बाहर लेकर आए। एलजी हाउस के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मीटिंग अच्छी रही और मोहल्ला क्लीनिक से जुड़े तमाम मसले इसी मंगलवार तक सुलझा लिए जाएंगे। हालांकि सीएम केजरीवाल इस मीटिंग के बारे में ज्यादा बात करने के मूड में नजर नहीं आए, लेकिन उनके चेहरे पर चमक बता रही थी कि उन्हें अपनी जीत का एहसास हो रहा था।
क्या है मोहल्ला क्लिनिक
मोहल्ला क्लिनिक सुनने में ही आप को थोड़ा देसी टाइप का फीलिंग देगा। मोहल्ला क्लिनिक खोलने का कॉन्सेप्ट सबसे पहले दिल्ली में आप सरकार लेकर आई थी। जिसका सीधा से उद्देश्य लोगों को मुफ्त में स्वास्थ सेवाएं मुहैया करना था। यह एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर है जो लोगों को जुखाम बुखार जैसी मामूली बीमारियों से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने शुरु किए थे। यहां मरीज को दवा, डॉयग्नोस्टिक्स सहित डॉक्टरी सुझाव फ्री में मिलते थे। मोहल्ला क्लिनिक को शुरु करने के पीछे वजह थी सरकारी अस्पतालों की भीड़ को कम करना। जहां गंभीर बीमारियों से लेकर जुखाम बुखार से पीडि़त मरीज घंटो लाइन में खड़ा रहकर अपने बारी का इंतजार करता है।
क्यों मचा है बवाल
मोहल्ला क्लिनिक पर शुरुआत से ही बवाल शुरु हो गया था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर मोहल्ला क्लिनिक खोलने के नाम पर भ्रष्टाचार फैलाने के भी आरोप लग चुके हैं। मोहल्ला क्लिनिक पर डॉक्टरों द्वारा मरीजों की फर्जी इंट्री करने जैसे आरोप लग रहे हैं। मोहल्ला क्लिनिक की ओर से दावा किया गया था कि वहां एक मिनट में दो मरीजों का ईलाज किया जाता है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मोहल्ला क्लिनिक को खोले जाने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। जिसमें हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया गया। हाईकोर्ट का आदेश है कि स्कूलों को कोई भी डिस्पेंसरी नहीं खोली जाएगी।