चक्रवाती तूफानों का आया मौसम, इस महीने से भारत के तटीय राज्यों में चलेंगी तेज हवाएं और बारिश
नई दिल्ली। पिछले वर्ष कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पश्चिम बंगाल-ओडिशा और महाराष्ट्र में आए चक्रवाती तूफानों ने भीषण तबाही मचाई थी। अलग-अलग नामों से पहचाने जाने वाले ये चक्रवाती तूफान हर वर्ष भारत के तटीय इलाकों से टकराते हैं। अब इस साल भी चक्रवाती तूफानों का मौसम शुरू हो गया है। आधिकारिक तौर पर चक्रवात का मौसम भारतीय उप-महाद्वीप पर प्री-मानसून गतिविधि और दोनों ओर तटरेखा के बदलते मौसम के साथ शुरू हो गया है। भारत के पड़ोसी राज्य बांग्लादेश में तो चक्रवात ने दस्तक दे दी है।
बांग्लादेश में चक्रवात ने दी दस्तक
वर्तमान में पड़ोसी देश बांग्लादेश में चक्रवात बना हुआ है, जिसका असर बिहार के मौसम पर भी पड़ रहा है। बांग्लादेश चक्रवात का असर भारत के तटीय राज्यों में भी देखा जा सकता है। हालांकि भारत के अन्य तटीय राज्यों में फिलहाल बड़े चक्रवाती तूफान को लेकर कोई सूचना जारी नहीं की गई है। इसक एक मुख्य कारण यह भी है कि अभी समुद्र की सतह वर्तमान में उतनी गर्मी नहीं है जिस वजह से तूफानों का विकास हो सके।
अप्रैल अंत तक तूफान की संभावना नहीं
20 मार्च 2021 से इंटर ट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन (आईटीसीजेड) अभी भी भूमध्य रेखा के दक्षिण में बना हुआ है। बता दें कि आईटीसीजेड पृथ्वी पर मौजूद कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच मौसम में बदलाव के स्थान को दर्शाता है। स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अप्रैल के अंत से पहले तूफान आने की संभावना कम है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात सबसे अजीब और भीषण प्राकृतिक आपदाएं हैं। प्राकृतिक आपदाओं में उष्णकटिबंधीय चक्रवात को तेज रफ्तार में चलने वाली हवाओं और बारिश इसे विनाशकारी बनाती है।
21 वर्षों में आ चुके हैं कई तूफान
ज्वार के साथ जुड़ा तूफान बढ़ने से तटीय क्षेत्रों बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है। साल 20000 से 2020 तक के 21 वर्षों के अंतराल में सिर्फ 3 वर्ष ऐसे हुए हैं, जब भारतीय समुद्र में प्री-मॉनसून सीजन के दौरान कोई तूफान दर्ज नहीं किया गया था। यह वर्ष 2004, 2011 और 2012 था। जबकि पिछले 11 वर्षों में भारत के किसी ना किसी तटीय क्षेत्र में एक तूफान जरूर देखा गया। पिछले पांच वर्षों में बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ अरब सागर में 2 चक्रवात देखे गए।
2019 में टूटा था 50 साल का रिकॉर्ड
वहीं, 2007 और 2010 सीजन के दौरान दोनों समुद्रों में 2 साल के भीतर 3 तूफान आए, पिछले 10 वर्षों के दौरान प्री-मानसून के मौसम ने अधिकतम 3 चक्रवाती तूफानों की मेजबानी की है। ये तूफान समान रूप से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में देखे गए। वर्ष 2019 में भारत ने नौ चक्रवातों का सामना किया, जो कि एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला वर्ष था। पिछले 50 वर्षों में यह सबसे अधिक आंकड़ा था। वहीं, पिछले साल 2020 में कोरोना काल के दौरान अंफान और निसर्ग के साथ कुल 5 तूफान आए थे, इसके बाद तीन तूफान मानसून बीत जाने के बाद आए।
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