
ISRO ने किया भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट के लिए क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण
Cryogenic engine india isro news: आज भारत ने अंतरिक्ष के अभियानों के लिए बरसों बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो उसके सबसे भारी रॉकेट LVM-3 को ताकत देगा। इसरो की ओर से बताया गया कि, टीईएस ने एलवीएम3 पेलोड क्षमता को 450 किलोग्राम तक बढ़ाया है। सबकुछ ठीक रहा, लॉन्च व्हीकल मार्क-III पहली बार 21.8 टन के अपरेटेड थ्रस्ट स्तर पर गर्म परीक्षण से गुजरा।
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क्रायोजेनिक इंजन का टेस्ट
CE20 क्रायोजेनिक इंजन के टेस्ट के बारे में इसरो की ओर से बताया गया कि, बुधवार को जिस CE20 क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया गया, उसमें थ्रस्ट कंट्रोल वाल्व (TCV) वाले पिछले इंजनों की तुलना में बड़े बदलाव किए गए हैं, ताकि सिस्टम में थ्रस्ट कंट्रोल शुरू किया जा सके। इसरो ने कहा कि इसके अलावा 3डी प्रिंटेड एलओएक्स और एलएच2 टर्बाइन एग्जॉस्ट केसिंग को पहली बार इंजन में शामिल किया गया है। इसरो ने कहा कि भीषण आग के पीछे का उद्देश्य यह परीक्षण करना था कि इंजन अतिरिक्त प्रणोदक लोडिंग के साथ 450 किलोग्राम तक की पेलोड क्षमता का समर्थन कर सकता है।

क्षमता को 450 किलोग्राम तक बढ़ा देगा
रॉकेट फायर होने के बाद इसरो ने कहा, "यह अतिरिक्त प्रणोदक लोडिंग के साथ एलवीएम3 पेलोड क्षमता को 450 किलोग्राम तक बढ़ा देगा।" नवीनतम क्रायोजेनिक इंजन के परीक्षण से भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर खुद को बेहतर साबित कर दिए हैं।

नया उपग्रह जनवरी 2023 में लॉन्च होने की उम्मीद
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने वनवेब और इनस्पेस के बीच एक अनुबंध के हिस्से के रूप में 36 उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में तैनात करने के मिशन पर एलवीएम-3 लॉन्च किया था। वनवेब ने अपने उपग्रह समूह के प्रक्षेपण के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अलावा एक अन्य जीएसएलवी लॉन्च को लेकर भी अनुबंध किया गया है। वनवेब का नया उपग्रह जनवरी 2023 में लॉन्च होने की उम्मीद है।

- भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने हाल ही में LVM-3 को एक मिशन पर लॉन्च किया था