कश्मीर में पैलेट गन के प्रयोग पर सीआरपीएफ ने क्या दिया जवाब
श्रीनगर। सीआरपीएफ ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट को पैलेट गन के प्रयोग पर जवाब दिया है। सीआरपीएफ ने हाई कोर्ट को बताया है कि अगर पैलेट गन का प्रयोग भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य में बंद कर दिया जाएगा तो फिर मौतों की संख्या में इजाफा हो जाएगा।
पढ़ें-पुलिस को दिए गए आतंकियों से नरमी बरतने के निर्देश!
करनी पड़ेगी हवाई फायरिंग
बुधवार को सीआरपीएफ ने एक हलफनामा दायर किया। इस हलफनामे में सीआरपीएफ ने जवाब दिया कि अगर किसी स्थिति में पैलेट गन का प्रयोग बंद कर दिया जाता है तो फिर सीआरपीएफ के पास सिर्फ फायरिंग का विकल्प रह जाएगा। हालात बेकाबू होने पर सीआरपीएफ को हवाई फायरिंग करनी पड़ेगी। इससे ज्यादा लोग मारे जाएंगे।
पढ़ें-हुर्रियत ने किया ऐलान 25 अगस्त तक जारी रहेगी घाटी में हड़ताल
अब तक कितनी पैलेट बुलेट्स
हाई कोर्ट में दायर एक पीआईएल का जवाब देते हुए यह बात कही। यह पीआईएल कश्मीर में खराब हालातों के बीच पैलेट गन के प्रयोग को बंद करने के मकसद से दायर की गई थी।
हिजबुल मुजाहीदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से ही कश्मीर में हालात बेकाबू हैं। इस बार पैलेट गन ने सीआरपीएफ के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर दी हैं। सीआरपीएफ ने अब नौ जुलाई से लेकर अब तक 3,500 पैलेट कारटीरेज फायर किए हैं।
पढ़ें-घाटी में अशांति की कीमत 24 करोड़, देने वाला पाकिस्तान
पहली बार वर्ष 2010 में हुआ प्रयोग
सीआरपीएफ ने वर्ष 2010 में पहली बार पैलेट गन का प्रयोग किया था। इस दंगे के दौरान भीड़ को काबू करने का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। सीआरपीएफ का कहना है कि एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन करते हुए ही वह इसका प्रयोग करते हैं।
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत भीड़ पर नियंत्रण के लिए हथियार का प्रयोग कमर से नीचे होना चाहिए। सीआरपीएफ के मुताबिक हालात इस कदर अनियंत्रित हैं कि कभी-कभी उन्हें इसमें काफी दिक्कतें आती हैं।