कोविशील्ड की सिंगल डोज कोरोना के खिलाफ 61% प्रभावी- कोविड पैनल प्रमुख डॉ. अरोड़ा
कोविशील्ड की सिंगल खुराक करोना के खिलाफ 61 प्रतिशत और दोनों खुराक 65 प्रतिशत तक प्रभावी हैं।
नई दिल्ली, 16 जून। कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को चार-छह हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने के फैसले पर हुई गर्मागरम बहस के बाद यह पता चला है कि सरकार ने यह फैसला वैज्ञानिक आधार पर लिया है। कोविशील्ड को लेकर भारत में किये गए परीक्षणों में यह सामने आया कि कोविशील्ड के दोनों टीकों में 12-16 हफ्तों का अंतर चिकित्सीय दृष्टि से एकदम सही है।
सरकार के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 संबंधी कार्यसमूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने इसको लेकर कहा कि इस बारे में एनटीएजीआई के सदस्यों के बीच कोई मतभेद नहीं थे। उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, 'जब हमने भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी...उस समय दोनों खुराकों में 4 हफ्तों का अंतर रखा गया था। यह अंतर उस समय के परीक्षणों पर आधारित था, जिसमें सामने आया था कि 4 सप्ताह के अंतर से प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी प्रतिक्रिया देती है। हालांकि ब्रिटेन ने उस समय पहले ही अंतराल को बढ़ाकर 12 सप्ताह कर दिया था। यह वही समय था जब वे कोरोना के अल्फा वेरिएंट के प्रकोप का सामना कर रहे थे। दिसंबर-जनवरी में उनके लिए वह कठिन समय था।'
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'लेकिन हम इस बात से सहमत नहीं थे और हमने दोनों टीकों के बीच 4 सप्ताह का ही अंतर रखा। लेकिन 6 सप्ताह बाद डब्ल्यूएचओ ने सुझाव दिया कि वैक्सीन के बीच 6-8 सप्ताह का अंतर बेहतर विचार है। इसके बाद हमने उनके डाटा का अध्ययन किया और पाया कि 6-8 महीनों का अंतर बेहतर है।'
हालांकि, हमने इसके बाद ब्रिटेन से आने वाले वास्तविक जीवन के आंकड़ों को देखने का फैसला किया क्योंकि वे भारत में इस्तेमाल होने वाली कोविशील्ड के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। अप्रैल में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने सुझाव दिया कि 12 सप्ताह के अंतराल के साथ टीके की प्रभावकारिता 65 से 80 प्रतिशत थी। यह भारत में डेल्टा वेरिएंट के प्रकोप का सबसे खराब दौर था। उन्होंने कहा, 'हमने यह निर्णय 6 या 13 मई को लिया और हमने पाया कि कोविशील्ड की 1 डोज कोरोना के खिलाफ 33 प्रतिशत प्रभावी है।'
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि डेल्डा वेरिएंट के प्रकोप के दौरान हजारों मामलों के आधार पर सीएमसी वेल्लोर के सांख्यकीय रूप से महत्वपूर्ण आंकड़ों ने बताया कि कोविशील्ड की सिंगल खुराक करोना के खिलाफ 61 प्रतिशत और दोनों खुराक 65 प्रतिशत तक प्रभावी हैं।