Coronavirus: पीएम मोदी ने इसलिए की है लोगों से Janta Curfew की अपील
नई दिल्ली। देश में सुबह सात बजे से जनता कर्फ्यू की शुरुआत हो चुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। विशेषज्ञ अब इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक दिन के जनता कर्फ्यू से क्या जानलेवा कोरोना वायरस की चेन टूट सकेगी? वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इसे सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग को प्रोत्साहित करने की ड्रिल बताया है। आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस की वजह से अब तक छह लोगों की मौत हो गई है और 352 लोग इससे संक्रमित हैं।

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Social Distancing सबसे बड़ी वजह
रविवार को जनता कर्फ्यू की वजह से कई लोग वायरस के संपर्क में आने से बच सकेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक अच्छा आइडिया है जिसकी मदद से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ेगी। लेकिन इससे यह नही समझ लेना चाहिए कि वायरस की चेन टूट सकेगी। पीएम मोदी ने खुद अपने संबोधन में भी इस तरह का कोई दावा नहीं किया है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में माइक्रोबॉयलॉजी की पूर्व मुखिया डॉक्टर शोभा बरूर ने कहा कि यह समझ लेना कि अगर एक दिन के लिए लोगों में कोई कॉन्टेक्ट नहीं हुआ तो फिर वायरस अपने आप मर जाएगा। उनका कहना है कि जनता कर्फ्यू से कॉन्टैक्ट में नहीं होने से इसका ट्रांसमिशन कम हो सकेगा। उनके मुताबिक इस तरह के सुबूत अभी तक नहीं मिले हैं जिनसे पता लगे कि वायरस 20 से 22 घंटे के बाद खत्म हो जाएगा। जनता कर्फ्यू का मकसद सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने का एक तरीका है।
ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने में लगेगा काफी वक्त
शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पीएम मोदी की अपील को जनता का समर्थन मिलना जरूरी है क्योंकि इससे वायरस के ट्रांसमिशन की चेन टूट सकेगी। इसके बाद कई सरकारी तंत्रों की तरफ से यही दावा किया गया। शनिवार को उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने भी कहा कि कई विशेषज्ञों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की तरफ से पीएम मोदी की इस अपील का बड़े पैमाने पर समर्थन किया गया है। पीएम मोदी की तरफ से स्वेच्छा से जनता कर्फ्यू की अपील की गई थी। उनका मकसद बस सोशल डिस्टेंसिंग को बढावा देना है। इसलिए ही पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि वे सभी घरों पर रहे। डब्लूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या विश्वनाथन ने कहा है कि जनता कर्फ्यू बस एक एक्सरसाइज है और ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ने के लिए कई हफ्तों और माह का समय लग सकता है।