कोरोना वायरस से जंग के लिए भारत को चाहिए 4 करोड़ मास्क, 62 लाख सिक्योरिटी इक्विपमेंट-Report
नई दिल्ली। भारत में भी अब कोरोना वायरस महामारी के मामले बढ़ रहे हैं। देश में इस समय मरीजों का आंकड़ा 1000 के पार हो गया है और 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच ही खबर आई है कि देश में कम से कम 3.8 करोड़ यानी 38 मिलियन मास्क और 62 लाख पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स (पीपीई) की जरूरत है। भारत ने इसके लिए सैंकड़ों कंपनियों से संपर्क किया है ताकि सुरक्षित और तेज सप्लाई हो सके। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक इनवेस्टमेंट एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी है।
हेल्थकेयर वर्कर्स ने की है मांग
हेल्थकेयर वर्कर्स की तरफ से लगातार मास्क और पीपीई की मांग की जा रही है। रॉयटर्स ने जो जानकारी दी है कि उसके बाद चार पेज के इस डॉक्यूमेंट में इनवेस्ट इंडिया एजेंसी की तरफ से उन कोशिशों के बारे में विस्तार से बताया गया है जिसके तहत नाजुक और महत्वपूर्ण सामान की सप्लाई के लिए कंपनियों को तलाशा जा सके। इनवेस्ट इंडिया क तरफ से कहा गया है कि उसने 730 कंपनियों से वेंटीलेटर्स के लिए संकर्प किया है। अलावा आईसीयू, मॉनिटर्स, प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स, मास्क और टेस्टिंग किट्स के लिए भी 319 कंपनियों से संपर्क साधा गया है।
अब तक 29 लोगों की मौत
भारत में 1071 केसेज रिकॉर्ड किए जा चुके हैं और अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं अथॉरिटीज को इस बात की चिंता भी सता रही है कि अगर बीमारी तेजी से बढ़ी तो हेल्थकेयर सिस्टम पूरी तरह से असफल हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से तीन हफ्तों के लॉकडाउन का ऐलान पिछले दिनों किया गया था। यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक जारी रहेगा। हेल्थकेयर्स वर्कर्स ने कहा है कि जरूरी उपकरणों की कमी की वजह से उन्हें ड्यूटी पूरी करने में खासी दिक्कतें आ रही हैं।
कब पूरी होगी मांग, कोई जानकारी नहीं
इनवेस्ट इंडिया के मुताबिक कंपनियों की तरफ से करीब 90 लाख मास्क सप्लाई के लिए मौजूद थे। इसके अलावा पीपीई जिसमें पूरे शरीर को कवर किया जा सकता है, उसकी संख्या करीब 800,000 है। लेकिन इनवेस्ट इंडिया की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि देश को अभी 3.8 करोड़ मास्क की और जरूरत होगी और इनमें से 14 लाख राज्य सरकारों को भेजा जाएंगे और बाकी केंद्र सरकार के पास रहेंगे। इनवेस्ट इंडिया के डॉक्यूमेंट्स में इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि कितने समय में यह मांग पूरी होगी। डॉक्यूमेंट में जो आंकड़े मौजूद हैं उन्हें देश के सात राज्यों और केंद्र शासित राज्यों से लिया गया है।
साउथ कोरिया से किया गया संपर्क
इनवेस्ट इंडिया केंद्र और राज्य सरकार के तहत आने वाली कंपनियों के साथ काम करती है। उसने हालांकि रॉयटर्स को किसी भी तरह की जानकारी देने से या फिर उसकी रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने बताया था कि सरकार इन सप्लाई में तेजी लाने की कोशिशों लगातार कर रही है। वहीं, एजेंसी इंपोर्टेड टेस्ट किट्स के लिए साउथ कोरिया की पांच कंपनियों से भी संपर्क साधा है।