18 साल से ज्यादा के सभी भारतीयों को कोरोना वैक्सीन देने का खर्च जीडीपी के एक फीसदी से भी कम: स्टडी
सभी को कोरोना वैक्सीन देने में खर्च होगा जीडीपी का एक फीसदी से भी कम : स्टडी
नई दिल्ली, 22 अप्रैल: केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि एक मई से देश में सभी लोग जो 18 साल से ज्यादा के हैं, वो कोरोना की वैक्सीन लगवा सकेंगे। केंद्र के इस ऐलान के बाद कोरोना के दामों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। वहीं कई राज्यों ने अपने प्रदेशवासियों को फ्री वैक्सीन का भी ऐलान किया है। कई विपक्षी नेताओं ने केंद्र से ये भी मांग की है कि सभी को वैक्सीन फ्री दिए जाने की व्यवस्था की जाए। इस सबके बीच एक स्टडी सामने आई है जो कहती है कि देश के 18 साल से ज्यादा के सभी नागरिकों को टीका लगाने का खर्च देश की वार्षिक जीडीपी के एक प्रतिशत से भी कम होगा।
इंडियन रेटिंग्स के अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि देश के करीब 84 करोड़ लोगों को टीका लगाने में 671.93 करोड़ का खर्च आएगा। इसमें राज्यों को दोगुने से कुछ ज्यादा खर्च करना होगा। ये रकम देश की एक साल की जीडीपी का 0.36 फीसदी होगी।
केंद्र ने किया है एक मई से सभी को टीका देने का ऐलान
केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि 1 मई से देश में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगेगी। केंद्र ने सरकार ने राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दी है। एक मई से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत टीका निर्माता अपनी केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं से हर महीने जारी खुराकों की 50 प्रतिशत आपूर्ति केंद्र सरकार को देंगे और बाकी 50 प्रतिशत आपूर्ति को वे राज्य सरकारों को तथा खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।
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केंद्र के ऐलान के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत तय कर दी है। सीरम ने कहा है कि वह प्राइवेट अस्पतालों को जहां 600 रुपए में कोविशील्ड वैक्सीन की एक डोज देगी, वहीं राज्य सरकारों को 400 रुपए में वैक्सीन की एक डोज देगी। हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट केंद्र सरकार को 150 रुपए प्रति खुराक से हिसाब से ही वैक्सीन देगी।