भारत में कोरोना वैक्सीनेशन धीमा है, दो डोज के बीच का अधिक अंतर क्या बन रहा कारण
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ो में भारत में कोरोना टीकाकरण की धीमी दिखाई दे रही है। सोमवार को स्वास्थ मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार टीके के रिकॉर्ड स्टॉक के बावजूद भारत का टीकाकरण अभियान धीमा हो गया है, क्योंकि अधिकारियों ने एक रणनीति में खुराक के बीच व्यापक-से-सामान्य अंतर बनाए रखा है जिसके कारण वैक्सीनेशन तेजी से नहीं हो पा रहा है।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन जिसका भारत में भी उत्पाद किया जा रहे, जो administered डोज का लगभग 90 प्रतिशत है, मई के बाद से कोविड वैक्सीन का उत्पादन तीन गुना से अधिक हो गया है। बता दें पहले कोविड वैक्सीन की आपूर्ति की कमी के कारण भारत में टीके की दो डोज के बीच की अवधि को 12 से 16 सप्ताह के बीच करके लगभग अंतर को दोगुना कर दिया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 8 से 12 सप्ताह से अधिक के अंतराल ने भारत को अपने 94.4 करोड़ वयस्कों में से 74 प्रतिशत को कम से कम एक टीका खुराक देने की अनुमति दी है, जिसमें केवल 30 प्रतिशत को ही दोनों डोज लग पाई है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन कोविशील्ड, भारत के कुल इंजेक्शन वाले 97.76 करोड़ के 86.1 करोड़ खुराक दी गई है जबकि इसके अन्य मुख्य टीके, कोवैक्सिन में चार से छह सप्ताह का खुराक अंतराल है।
पिछले कुछ दिनों में, सभी कोविड -19 टीकों का डेली स्टॉक 10 करोड़ खुराक से अधिक हो गया है, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक साथ लिया गया। इसके विपरीत डेली टीकाकरण औसतन 50 लाख तक गिर गया है।और पिछले सप्ताह में इससे भी कम, पिछले महीने 2.5 करोड़ के दैनिक शिखर से कम है। मंत्रालय ने कहा कि उसने कोई भी निर्णय लेने में विशेषज्ञों के एक समूह की सिफारिशों का पालन किया है।
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मंत्रालय ने कहा कि उसने खुराक में कोई भी बदलाव करने के लिए विशेषज्ञों के एक समूह की सिफारिशों का पालन किया जिस पर वैज्ञानिकों ने भी पष्टि की। एनटीएजीआई सक्रिय रूप से कोविशील्ड डॉस के बीच खुराक अंतराल के मामले पर विचार कर रहा है।