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Corona effect: नार्थ ईस्‍ट प्रवासियों को कई राज्यों में चाइनीज समझ कर किया जा रहा प्रताड़ित

Corona effect:North East migrants are considered Chinese in many states Being abused by themCorona effect:नार्थ ईस्‍ट के प्रवासियों को कई राज्यों में चाइनीज समझ किया जा रहा प्र‍ताडि़त

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बेंगलुरु। कोरोना वायरस भारत को तेजी से जकड़ता जा रहा है। देश भर में अब तक 979 लोग कोरोना पॉजटिव के शिकार पाए गए है वहीं 25 लोगों की कोरोना के कारण मृत्‍यु हो चुकी है और कोरोना की चपेट में 87 लोग अब स्‍वस्‍थ हो चुके हैं। देश पर आए इस विकराल संकट के बीच एक और बड़ी समस्‍या खड़ी होती दिख रही हैं। वो समस्‍या हैं देश के विभिन्‍न राज्यों में रहने वाले नार्थ ईस्‍ट प्रान्‍त के प्रवासियों की।

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कोरोना के कहर के बीच उनके चाइनीज लुक के कारण उन्‍हें विभिन्‍न राज्यों में चाइनीज समझ कर उनके साथ दुर्व्‍यवहार और प्रताडि़त किया जा रहा हैं। आलम ये हैं कि रोजी-रोटी के लिए अपना प्रान्‍त छोड़कर विभिन्‍न राज्यों में रहे रहे नार्थ ईस्‍ट के श्रमिकों में अपने भविष्‍य को लेकर खौफ समाता जा रहा है।

चाइनीज समझ कर किया जा रहा दुर्व्‍यवहार

चाइनीज समझ कर किया जा रहा दुर्व्‍यवहार

बता दें कोरोना वायरस जिसने विश्‍व के कई देशों में तबाही मचायी है उसकी शुरुआत चाइना के वुहान से हुई इसलिए कोरोना के लिए चाइना को ही जिम्मेदार माना जा रहा हैं। ऐसे में तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, दिल्ली में उत्तर प्रदेश समेत अन्‍य कई राज्यों में रहे रहे नार्थ ईस्‍ट के प्रवासियों को चाइनीज समझ कर लोग उनके साथ दुर्व्‍यवहार कर रहे हैं। हालांकि पुलिस उनकी सुरक्षा कर रही हैं लेकिन वो काफी डरे हुए हैं।गौरतलब हैं कि कोरोना वायरस फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण ये अपने प्रान्‍त नहीं लौट सकते जिस कारण अपने ही देश में इन्‍हें केवल इनके चाइनीज जैसे लुक के कारण इन्‍हें एक-एक दिन गुजारना मुश्किल हो रहा हैं।

दुकानदार चाइनीज समझ कर नहीं दे रहे सामान

दुकानदार चाइनीज समझ कर नहीं दे रहे सामान

तमिलनाडु के नागा स्टूडेंट्स यूनियन सेलम के अध्यक्ष एल यंतसथुंग लोथा, जो वहां के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग के स्‍टूडेन्‍ट है उन्‍होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान दुकानदार उत्तरपूर्वी लोगों को भगा रहे हैं, उन्‍हे चाइनीज समझ कर उनसे दूर भाग रहे हैं। उन्‍होंने बतया कि कोरोना महामारी के चलते कालेज हॉस्‍टल बंद कर दिया गया हैं लेकिन घर वापस जाने के लिए टिकट नहीं था इसलिए हमारे आग्रह करने पर हम 19 स्‍टूडेन्‍ट यही पर रहने दिया गया। हमें अपने लिए स्‍वयं ही भोजन का प्रबंध करना पड़ रहा है। बड़ी मुश्किल से हमारे समझाने पर जो दुकानदार उन्‍हें समान देने के लिए तैयार हुए वों हमें चावल समेत अन्‍य सामग्रियां दोगुने दामों में बेच रहे हैं।

नौकरी से निकाल बाहर किए जा रहे पूर्वोत्‍तर के लोग

नौकरी से निकाल बाहर किए जा रहे पूर्वोत्‍तर के लोग

वहीं एक स्‍टूडेन्‍ट ने बताया कि जब वो बाहर निकलते हैं तो दुकानदार और स्‍थानीय लोग उनका पीछा करते हुए उन्‍हें कोरोना और बदसूरत कह कर तरह- तरह कि गालियां देते हैं। इतना ही नही कई मकान मालिक नार्थ ईस्‍ट प्रवासियों को से घर खाली करने के लिए दबाव बना रहे हैं। लोथा ने ये भी बताया कि मुझे हाल में कोयम्बटूर में फंसे नागालैंड के लोगों का फोन आया उन्‍होंने बताया कि जो वो स्‍पा और वहां के होटलों में नौकरी कर रहे थे उन्‍हें नौकरी से बाहर निकाल दिया गया हैं। उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं हैं। नागलैंड छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चेन्नई के पुलिस आयुक्त ए.के. विश्वनाथन ने पिछले हफ्ते, नस्लीय दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करने के लिए एक हेल्पलाइन की मांग की थी और उनके हस्तक्षेप बाद ही उन्हें छात्रावासों में रहने की अनुमति मिल पाई।

दिल्ली में मणिपुर की लड़की को कोरोनावायरस कह कर किया गया परेशान

दिल्ली में मणिपुर की लड़की को कोरोनावायरस कह कर किया गया परेशान

वहीं दिल्ली में एक मणिपुर की लड़की को कोरोनावायरस कह कर काफी परेशान किया गया। वहीं एक नागलैंड की एक को लड़की जो कि चेंबूर के एक होटल में काम करती थी उसको नौकरी से इसलिए मैनेजमेंट ने निकाल बाहर किया क्योंकि उन्‍हें डर था कि वह कोरोना संक्रमित है, केवल इसलिए कि वह 'चीनी की तरह दिखती है। लॉकडान के कारण उसे कोई नई नौकरी भी नहीं मिल सकती ऐसे में उसका वहां एक-एक दिन काटना मुश्किल हो रहा है।

नौ लोगों को चाइनीज समझकर पुलिस ने जबरन करवाई कोरोना जांच

नौ लोगों को चाइनीज समझकर पुलिस ने जबरन करवाई कोरोना जांच

वहीं गुजरात प्रांत के अहमदाबाद जिले में पुलिस ने नौ नार्थ ईस्‍ट के लोगों को चीनी होने के संदेह में कोरोना पॉजटिव मान लिया और उन्‍हें जबरदस्‍ती पकड़ कर ले गए जबि‍क उनमें से किसी में कोरोना वायरस के कोई भी कोई लक्षण नहीं थे न ही उनका वायरस से प्रभावित देशों से यात्रा का इतिहास था। वहीं मुंबई में, अरुणाचल प्रदेश के एक 74 वर्षीय कैंसर रोगी को आवासीय परिसर में प्रवेश से मना कर दिया गया था।

नागा स्टूडेंट्स यूनियन

नागा स्टूडेंट्स यूनियन

नागा स्टूडेंट्स यूनियन मुंबई के अध्यक्ष, वून्ग्रामिंग हुइलेंग का आरोप हैं कि पुलिस ने पिछले हफ्ते तक उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। कल (शुक्रवार), एक डीसीपी ने मुझसे संपर्क किया और हममें से किसी को भी परेशानी होने पर तुरंत मदद का आश्वासन दिया। मुंबई में 5,000 से अधिक नागा और लगभग 80,000 पूर्वोत्तर के लोग हैं, जिनमें से कई अनौपचारिक क्षेत्र के कार्यकर्ता हैं।

हालांकि मुंबई पुलिस की विशेष शाखा के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने दो चीजों के पूर्वोत्तर के निवासियों को "आश्वासन" दिया है कि एक, उन्हें भोजन के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। पुलिस एनजीओ और राज्य प्रशासन के साथ समन्वय कर रही है, और अगर किसी को भोजन की आवश्यकता है तो हम इसके लिए प्रदान करेंगे। उन्‍होंने कहा कि अगर कोई मामला उन्‍हें परेशान करने का आता है तो हम मध्यस्थता कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस की 1093 हेल्पलाइन पर आ रहे कॉल

दिल्ली पुलिस की 1093 हेल्पलाइन पर आ रहे कॉल

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हिबू तमांग ने बताया कि कई उत्तरपूर्वी लोग दिल्ली पुलिस की 1093 हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं, भले ही वे दिल्ली में न हों। "हम पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक विशेष इकाई के साथ एकमात्र पुलिस विभाग हैं। हमारी प्राथमिकता आपातकालीन कॉल का जवाब देना है - कोई है जिसे अस्पताल जाने की जरूरत है, या खतरे में है। अन्य राज्यों से हेल्पलाइन या मेरे व्यक्तिगत नंबर पर कॉल करने के लिए, हमने उन्हें संबंधित पुलिस विभाग के संपर्क में है।

पुलिस कर रही ऐसे मदद

बता दें उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्वोत्तर राज्य की एक लड़की को बचाया है, जो नेपाल सीमा पर एक कार में फंसी थी, और उसे एक गेस्टहाउस में स्थानांतरित कर दिया गया था। वहीं हैदराबाद में उत्तरपूर्वी लोगों के एक समूह को कोरोना कहा जा रहा था और उन्होंने कहा कि वे राशन खरीदने में भी असमर्थ थे। हमने हैदराबाद पुलिस से संपर्क करने के बाद, उनके कमिश्नर ने तुरंत कार्रवाई की, और अधिकारियों ने उन्हें भोजन कराया।

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English summary
Corona effect:North East migrants are considered Chinese in many states Being abused by them
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