
शशि थरूर को छोड़ जी-23 के नेताओं ने दिया खड़गे का साथ, वाइल्ड कार्ड एंट्री से बदला खेल
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर: कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ सबसे मुखर रहने वाले समूह में भी अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर दोफाड़ हो गई है। सियासी गलियारे में इस समूह को जी-23 के नाम से जानते हैं। जी-23 के मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पुथ्वीराज चव्हाण और भूपिंदर हुड्डा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को समर्थन किया है। शुक्रवार 30 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले नामांकन फॉर्म पर जी-23 गुट के इन नेताओं ने खड़गे के समर्थन में हस्ताक्षर किए। बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के पसंदीदा उम्मीदवार है।

जी-23 खेमे के नेताओं ने गुरुवार 29 सितंबर की देर एक बैठक की थी। ये बैठक आनंद शर्मा के आवास पर हुई थी। इस बैठक में मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र हुड्डा सहित कई नेता शामिल रहे। जिसके बाद खड़गे का समर्थन करने का फैसला लिया गया। बता दें, शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के दौरान कांग्रेस के 30 नेताओं ने खड़गे के नाम का समर्थन किया है। हालांकि, खड़गे से पहले अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अशोक गहलोत, शशि थरूर, दिग्विजय सिंह से लेकर कमलनाथ और मनीष तिवारी तक के नाम सामने आए। लेकिन, अब टक्कर शशि थरूर बनाम मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच होती दिख रही है।
शशि थरूर के साथ नहीं जी-23 के नेता
जी-23 गुट ने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में जी-23 ने संगठन में आमूलचूल बदलाव की पैरवी की थी। उसने कांग्रेस के आलाकमान पर भी सवाल उठाया था। इस गुट में मनीष तिवारी, आनंद शर्मा के साथ-साथ थरूर भी थे। तो वहीं, अब मनीष तिवारी और आनंद शर्मा ने अपने ग्रुप के मेंबर के बजाय मल्लिकार्जुन खड़गे के नॉमिनेशन का समर्थन किया है। तिवारी और शर्मा दिल्ली में खड़गे के नॉमिनेशन का समर्थन करने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (AICC) के कार्यालय पहुंचे।
थरूर ने जी-23 गुट के नेताओं से नहीं मांगा समर्थन
दिप्रिंट की खबर के मुताबिक, जी-23 गुट के नेता पुथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि जी-23 गुट की मांग पूरी हो गई। हालांकि, मांग पूरी होने में कुछ समय जरूर लगा, लेकिन हमारी दोनों मांगा पूरी हो गई। तो वहीं, जी-23 गुट के नेताओं ने कहा कि शशि थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला लिया, लेकिन जी-23 गुट के नेताओं से मर्थन नहीं मांगा। उन्होंने पहले समूह से इस बारे में बात की थी, लेकिन यह पता लगाना था कि कोई और चुनाव लड़ रहा है या नहीं। अपना मन बना लेने के बाद, उन्होंने समर्थन मांगने के लिए उनसे कभी बात नहीं की।
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खड़गे गांधी परिवार के वफादार
गांधी परिवार से लेकर जी-23 के नेताओं तक का समर्थन खड़गे के साथ होने के बाद थरूर शायद अकेले पड़ गए हैं। तो वहीं, अचानक से कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हुए खरगे का जी-23 के नेताओं ने भी समर्थन दे दिया है। जिसके बाद खड़गे के लिए पार्टी के चीफ बनने का रास्ता बहुत कठिन नहीं होगा। बता दें, यह पहला मौका है जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में गांधी परिवार से कोई नहीं होगा। लेकिन, वह यह कभी नहीं चाहेगा कि पार्टी का चीफ कोई ऐसा बने जिस पर उसका कंट्रोल नहीं हो। अशोक गहलोत के मैदान से हट जाने के बाद फिर किसी लॉयलिस्ट की तलाश थी। खड़गे इस मामले में खरे उतरते हैं।