शशि थरूर बोले- मैंने राजनीतिक करियर के लिए ज्वाइन नहीं की कांग्रेस
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि वह जीवनभर राजनीतिक करियर के लिए कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन नहीं किया है। उन्होंने कहा मैं राजनीतिक करियर के लिए कांग्रेस में नहीं आया। मैं कांग्रेस में आया क्योंकि यह समावेशी भारत के विचार को आगे बढ़ाने का सबसे प्रमुख माध्यम है। ना कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की तरह।
कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर थरूर ने कहा कि, मैं जीनवभर के राजनीतिक करियर के लिए कांग्रेस में नहीं आया हूं। मैं इसमें आया क्योंकि एक समावेशी भारत के विचारों की उन्नति के लिए यह सबसे अच्छा माध्यम है। इन विचारों को केवल एक सीट के लिए या 5% वोटों के लिए कहीं और बलिदान नहीं किया जा सकता है क्योंकि आखिर में यह सवाल बना रहता है कि हमारा रुख क्या है?
शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस को समावेशी भारत के अपने विचार को चुनावी लाभ के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। इससे पहले रविवार को थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी का यह कर्तव्य है कि वह धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि हिंदी पट्टी में पार्टी के संकट 'बहुसंख्यक तुष्टिकरण' या 'कोक लाइट' की तर्ज पर किसी तरह के 'लाइट हिंदुत्व' की पेशकश करने से दूर नहीं हो सकते हैं क्योंकि इस रास्ते पर चल कर 'कांग्रेस' जीरो हो जाएगी।
कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि देश के 60 फीसदी मतदाता भाजपा की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। मेरा यह मानना है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा को 37 फीसदी वोट मिले और ऐसे में 60 फीसदी वोटर ऐसे हैं जो उसके साथ सहमत नहीं हैं। इन 37 फीसदी लोगों में कुछ लोग ऐसे हैं जो भारत को बहुसंख्यकवादी देश बनते नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समावेशी भारत और सभी के लिए काम करने में विश्वास रखती है जो उसे भाजपा से अलग बनाती है।
थरूर ने कहा कि कांग्रेस को अपने इस सिद्धांत पर अडिग रहना चाहिए कि भारत सबके लिए है और वह इस बात को 130 वर्षों से कहती आ रही है। वहीं यूएनएचआरसी में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने की बात पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा- जहां तक भारत के आंतरिक मामलों का संबंध है, उसमें पाकिस्तान का कोई स्थान नहीं है। हम विपक्ष में हैं, हम सरकार की आलोचना कर सकते हैं लेकिन भारत के बाहर, हम सब एक हैं। हम पाकिस्तान को एक इंच भी नहीं देंगे।
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