पीएम मोदी से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह की मुलाकात, कहीं ये पंजाब PCC पर संकट तो नहीं?
नई दिल्ली, 4 अप्रैल। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में संकट की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पार्टी अलाकमान ने सीडब्ल्यूसी (CWC) की बैठक में कांग्रेस (Congress) की एकजुटता की बात कही थी। वहीं अब लुधियाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की है। जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है। वहीं बिट्टू की ओर से कहा गया कि उन्होंने पंजाब के मुद्दों को लेकर पीएम से चर्चा की है।
गत दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली थी। जिसके बाद से पार्टी के नेताओं के बीच आपसी कलह उभरकर आई थी। कांग्रेस आलाकमान की ओर आनन फानन में पार्टी की हाईलेवल बैठक बुलाई गई और सबकुछ मैनेज करने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवनीत सिंह (Ravneet Singh Bittu) प्रधानमंत्री मोदी से मिले तो कांग्रेस खेमे को लेकर पूर्व में लगाए गए कयासों पर फिर से चर्चा होने लगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवनीत सिंह पीएम के साथ हुई मुलाकात को लेकर कहा है कि वे पंजाब मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पीएम से मिले थे। रवनीत के भाजपा में शामिल होने के कयासों पर विराम लगाते हुए उनके करीबी सूत्रों ने इस बात से इनकार किया। रवनीत के विश्वस्त लोगों की मानें तो वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि वह पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ लड़ें।
कौन
है
रवनीत
सिंह
बिट्टू?
रवनीत
सिंह
बिट्टू
कांग्रेस
के
नेता
हैं।
साल
1995
में
उनके
दादा
पूर्व
मुख्यमंत्री
बेअंत
सिंह
की
हत्या
हो
गई
थी।
जिसके
बाद
वे
सक्रिय
रूप
से
राजनीति
में
आए।
उन्हें
एक
हिंदू
चेहरे
के
रूप
में
अधिक
जाना
जाता
है।
सोमवार
को
पीएम
मोदी
से
मुलाका
के
बाद
उन्होंने
सोशल
मीडिया
पर
तस्वीर
पोस्ट
की
जिसमें
लिखा
कि
आज
माननीय
प्रधान
मंत्री
जी
से
मुलाकात
की
और
पंजाब
के
मुद्दों
पर
चर्चा
की।
मानवाधिकारों का हवाला देने वाले पहले रेप पीड़िताओं के बारे में सोचें: केंद्रीय गृहमंत्री
राहुल
गांधी
के
करीबी
माने
जाते
हैं
रवनीत
रवनीत
बिट्टू
कांग्रेस
के
एक
सक्रिय
नेता
हैं।
वे
राहुल
गांधी
के
करीबी
माने
जाते
हैं।
उन्हें
लुधियाना
से
सांसद
बिट्टू
कुछ
समय
से
कांग्रेस
से
नाराज
हैं।
इसका
कारण
यह
माना
जा
रहा
है
कि
पंजाब
में
कांग्रेस
उनकी
राजनीतिक
महत्वाकांक्षा
का
पंख
नहीं
लगा
रही
है।
उन्हें
मुख्यमंत्री
या
प्रदेश
अध्यक्ष
पद
के
लिए
नामित
नहीं
किया
जा
रहा
है।
रवनीत
को
सिद्धू,
पूर्व
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
और
अमरिंदर
सिंह
के
आलोचक
माने
जाते
हैं।