बीजेपी-कांग्रेस की स्थिति एक जैसी, जेडीएस बनेगी किंगमेकर, सर्वे में हुआ खुलासा
पब्लिक टीवी के ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस को 89-94 सीटें, बीजेपी को 86-91 सीटें वहीं जेडीएस को 38-43 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
नई दिल्ली। कर्नाटक में 12 मई को होने वाले मतदान में विकास और भ्रष्टाचार दो बड़े मुद्दे हैं। इसी बीच एक ओपिनियन पोल सामने आया है जिसके मुताबिक कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना जताई गई है। कन्नड़ चैनल पब्लिक टीवी के ओपिनियन पोल के मुताबिक कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होगी। कर्नाटक में 223 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने हैं।
ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस को 89-94 सीटें
पब्लिक टीवी के ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस को 89-94 सीटें, बीजेपी को 86-91 सीटें वहीं जेडीएस को 38-43 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस का वोट शेयर 36 प्रतिशत, बीजेपी का 33 प्रतिशत और जेडीएस को वोट शेयर 23 प्रतिशत हो सकता है। सर्वे में यह भी बताया गया है कि बेंगलुरू में कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को 14 बीजेपी को 12 जेडीएस को 1 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है।
कर्नाटक चुनाव में लिंगायत समुदाय बीजेपी के साथ
इससे पहले मंगलवार को एबीपी न्यूज- सीएसडीएस ने एक ओपिनियन पोल जारी किया थी जिसके मुताबिक कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को 97 सीटें ,बीजेपी को 84 सीटें, जेडीएस को 37 सीटें वहीं अन्य को 4 सीटें मिलने की बात कही गई थी। सर्वे में बताया गया था कि कर्नाटक चुनाव में लिंगायत समुदाय बीजेपी के साथ है। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के साथ 18 % लिंगायत हैं तो बीजेपी के साथ 61% और जेडीएस+ के साथ 11% प्रतिशत हैं। कर्नाटक में किसी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें लेकिन बहुमत से दूर दिख रही है।
कर्नाटक में 113 है जादुई नंबर
कर्नाटक में इस समय कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारमैया प्रदेश के सीएम हैं। 224 विधानसभा सीटों पर बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत है। 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 122 सीटों पर जीत हासिल करते हुए बहुमत हासिल किया था। कांग्रेस ने जहां एक बार फिर से सिद्धारमैया को सीएम के चेहरे के तौर पर पेश किया है तो वहीं भाजपा बीएस येदुरप्पा को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ रही है। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में माना जा रहा है लेकिन जनता दल (सेक्युलर) और बसपा गठबंधन प्रदेश में बड़ी ताकत बन सकते हैं और ये गठबंधन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है।