जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस और NC ने दो बार किया राष्ट्रगान का अपमान
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करना शुरू किया वहां भी विपक्षी दलों के नेताओं बहुत हंगामा किया और नारेबाजी शुरू कर दी।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को विधानमंडल के संयुक्त सत्र में दो बार राष्ट्रगान का अपमान हुआ। राष्ट्रगान के बीच में विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के नेताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। दोनों दलों के नेताओं ने ऐसा कश्मीर घाटी में हुई हिंसा के विरोध में किया। यही नहीं, विपक्षी विधायकों के हंगामे की वजह से राज्यपाल ने अपना अभिभाषण भी आधा-अधूरा पढ़कर खत्म किया। राष्ट्रगान के बीच में बाधा डालना कानूनन इसका अपना घोषित किया गया है। विपक्षी सदस्यों ने सोमवार को नियम कानून और संविधान सब को दरकिनार करते हुए राष्ट्रगान में बाधा डाली।
PSA
हटाने
की
मांग
को
लेकर
प्रदर्शन
जम्मू
कश्मीर
के
राज्यपाल
एनएन
वोहरा
ने
दोनों
सदनों
के
संयुक्त
अधिवेशन
को
संबोधित
करना
शुरू
किया
वहां
भी
विपक्षी
दलों
के
नेताओं
बहुत
हंगामा
किया
और
नारेबाजी
शुरू
कर
दी।
विपक्षी
नेता
अपनी
डेस्क
पर
चढ़
गए
और
तख्तियां
लहराकर
सरकार
के
खिलाफ
नारेबाजी
करने
लगे।
ये
नेता
विवदित
पब्लिक
सेफ्टी
एक्ट
(PSA)
हटाने,
कश्मीर
में
हिंसा
रोकने
और
बातचीत
के
जरिए
मद्दों
को
सुलझाने
की
मांग
कर
रहे
थे।
इस
दौरान
निर्दलीय
विधायक
इंजीनियर
अब्दुल
रशिद
ने
भी
विरोध
प्रदर्शन
में
हिस्सा
लिया।
विरोध
और
हंगामे
के
चलते
राज्यपाल
ने
अपना
भाषण
12
मिनट
में
ही
खत्म
कर
दिया।
कश्मीर
हिंसा
और
मौतों
का
विरोध
नेशनल
कॉन्फ्रेंस
के
नेता
बशीर
वीरी
ने
काली
जैकेट
पहनकर
कश्मीर
हिंसा
और
कश्मीरियों
की
मौत
का
विरोध
किया।
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
कश्मीर
घाटी
में
मानवाधिकारों
का
हनन
हुआ
है।
विपक्ष
ने
राष्ट्रगान
के
समय
बाधा
पहुंचाने
को
जायज
ठहराया
और
कहा
कि
उन्हें
राजकोष
की
ओर
से
उकसाया
गया
था।
बता
दें
कि
इस
साल
कश्मीर
घाटी
में
हुई
हिंसा
में
बड़ी
संख्या
में
लोग
मारे
गए
हैं।
यह
हिंसा
हिजबुल
मुजाहिदीन
के
आतंकी
बुरहान
वानी
की
सुरक्षाबलों
से
मुठभेड़
में
मौत
के
बाद
भड़की
थी।