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मथुरा में अवैध कब्जे का पूरा इतिहास, कैसे जवाहर बाग को हड़पने का शुरु हुआ खेल

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मथुरा। अवैध कब्जा किस कदर घातक हो सकता है उसका एक उदाहरण यूपी के मथुरा में देखने को मिला है। यहां कब्जेधारियों ने जिस तरह से पुलिस पर फायरिंग की उसने साफ कर दिया है कि प्रदेश में किस तरह से मंत्री और नेताओं का तंत्र फैला हुआ है।

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Complete history of Mathura encroachment clash and how police face the encroachers

मथुरा में 280 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किसी भी सामान्य व्यक्ति की सोच से परे है। साधारण व्यक्ति भी किसी की जमीन पर कब्जा करने से पहले कई बार सोचता है। दबंग भी इतनी बड़ी जमीन पर हाथ डालने से पहले कई बार सोचते हैं अगर उनके संपर्क सीधे सत्ता के दरवाजे तक ना हो।

सत्याग्रह के नाम पर बैठे थे धरने पर

तकरीबन दो साल पहले बाबा जय गुरुदेव के समर्थकों ने जो खुद को उनका भक्त कहते हैं ने सैकड़ो एकड़ की जमीन जवाहर बाघ में धरने के नाम पर अपने कब्जे में कर ली थी। इन लोगों ने खुद को आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रह का सदस्य बताते हुए यह धरना शुरु किया था।

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अजीबोगरीब मांग रखकर जवाहर बाग को बनाया स्थायी ठिकाना

इन लोगों ने बेहद ही अजीबोगरीब मांगों के साथ अपना सत्याग्रह शुरु किया था। इन लोगों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के चुनाव को रद्द किये जाने के साथ भारत की नोट को आजाद हिंद फौज के नाम पर छापने की मांग शुरु की थी। इन लोगों ने डीजल को 1 रुपए में साठ लीटर, पेट्रोल को एक रुपए में 40 लीटर बेचने की मांग की थी।

नोटिस बना इनके लिए खेल

इस संगठन को मथुरा के जिला प्रशासन ने कई नोटिस भेजी जिसमें इन लोगों से जवाहर बाग खाली करने को कहा। लेकिन तमाम नोटिस के बावजूद हॉर्टिकल्चर विभाग इसे खाली कराने में पूरी तरह से विफल रहा। राष्ट्रीय लोक दल के नेता कुंवर नरेंद्र सिंह और किसान संघर्ष समिति के नेता राम बाबू कटेलिया ने कहा कि इन लोगों को 31 मई तक तीन दिन का समय दिया गया था कि इस जगह को खाली कर दिया जाए।

इससे पहले इस संगठन को 16 अप्रैल को नोटिस भेजा गया था। इन लोगों ने यहां कई महीनों तक रहकर किसान के हित में नीति बनाये जाने की मांग की। यही नहीं इन लोगों ने खुले में लोगों के सामने हथियारों का भी प्रदर्शन किया था। इस पूरे मामले पर दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हिए हाई कोर्ट ने प्रशासन से इस जगह को खाली कराने का निर्देश दिया था।

3000 लोगों ने पत्थर से किया पुलिस पर हमला

लॉ एंड ऑर्डर के आईजी एचआऱ शर्मा ने कहा कि 3000 कब्जेधारियों ने पहले पुलिस पर पत्थरबाजी शुरु की जिसके बाद इन लोगों ने फायरिंग शुरु कर दी। पुलिस जबतक इनपर कार्यवाही शुरु करती इन लोगों ने फायरिंग शुरु कर दी।

पेड़ पर चढ़कर पुलिस पर बरसायी गोलियां

मथुरा के डीएम ने बताया कि इन लोगों ने ना सिर्फ हैंड ग्रेनेड फेंके बल्कि ऑटोमैटिक हथियारों से पुलिस पर पेड़ों पर चढ़कर हमला किया। हैंड ग्रेनेड व एलपीजी सिलेंडर से हमला करने की वजह सपूरा इलाका धुंअे से भर गया था ।जिसके चलते कई झोपड़ियों में आग लग गयी थी।

हमलावरों की हो गयी है पहचान

एडिशनल जनरल ऑफ पुलिस लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि कब्जेधारियों की पहचान हो गयी है। इन लोगों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस जगह से देशी कट्टे, रायफल, पिस्तौल, कॉरट्रिज बरामद किये गये हैं।

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English summary
Complete history of Mathura encroachment clash and how police face the encroachers. Police has ceased huge ammunition from the premise.
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