सुप्रीम कोर्ट जज के लिए इंदु मल्होत्रा और के एम जोसेफ के नामों को कॉलेजियम की मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट जज के लिए इंदु मल्होत्रा और के एम जोसेफ के नामों की अनुशंसा
नई दिल्ली। सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. एम. जोसफ के नामों की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए की गई है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इन दोनों के नामों की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में सीनियर जजों वाले कॉलेजियम ने इन दोनों नामों की अनुशंसा की है। सुप्रीम कोर्ट में छह जजों की जगह खाली है, इनमें दो नामों के लिए इंदु मल्होत्रा और के एम जोसफ की अनुशंसा की गई है।
सरकार से अनुमति के बाद नियुक्ति
सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद दोनों को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाए जाएगी। इंदु मल्होत्रा ऐसी पहली महिला वकील होंगी जो सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनेंगी, उन्होंने देश के किसी हाईकोर्ट में बतौर जज सेवा नहीं दी है।
2007 में मिला था सीनियर एजवोकेट का दर्जा
2007 में सीनियर ऐडवोकेट का दर्जा पाने वाली इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट की सातवीं महिला जज होंगी। सुप्रीम कोर्ट में इस समय 25 में से सिर्फ एक महिला जज है, इंदु दूसरी जज होंगी। वहीं कॉलेजियम ने के. एम जोसेफ के नाम को भी मंजूरी दी है। उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के. एम. जोसफ उस बेंच का हिस्सा थे जिसने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया था।
1989 में फातिमा बीवी बनी थीं पहली महिला जज
जस्टिस एम फातिमा बीवी 1989 में सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनी थीं। उनके बाद जस्टिस सुजाता वी मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई भी सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं थीं। इंदु मल्होत्रा आजादी के बाद सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली सातवीं महिला होंगी। वर्तमान में जस्टिस आर भानुमति सुप्रीम कोर्ट की इकलौती महिला जज हैं।
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