कोयंबटूर ब्लास्ट: मंदिर को उड़ाने का था प्लान, जांच अधिकारियों ने मामले में किए बड़े खुलासे
पिछले हफ्ते तमिलनाडु के कोयंबटूर में मंदिर के सामाने कार में ब्लास्ट होने से एक 29 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट की मौत हो गई थी। विस्फोट कैसे हुआ और मरने वाला कौन था, इसकी जांच एनआईए की तरफ से की जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि जो व्यक्ति विस्फोट में मारा गया, वह संभवत: आत्मघाती हमलावर था। विस्फोटकों को संभालने में उसकी अनुभवहीनता ने इलाके को बड़ा नुकसान होने से बचा लिया।
2019
में
एनआईए
जमीशा
से
कर
चुकी
है
पूछताछ
मामले
में
एक
प्रत्यक्षदर्शी
ने
बताया
कि
विस्फोट
में
जो
व्यक्ति
मारा
गया,
उसका
नाम
जमीशा
मुबीन
था।
एक
मामले
में
2019
में
पुलिस
ने
उससे
पूछताछ
भी
किया
था।
प्रत्यक्षदर्शियों
के
मुताबिक
कार
दिवाली
की
पूर्व
संध्या
पर
सुबह
4
बजे
कोट्टैमेडु
में
संगमेश्वर
मंदिर
के
सामने
रुकी
और
तुरंत
विस्फोट
हो
गया।
मामले
में
जांच
से
जु़ड़े
एक
सूत्र
ने
दावा
किया
है
कि
विस्फोट
के
बाद
जमीशा
का
शरीर
जल
चुका
था।
वहीं,
जब
तक
पास
की
पुलिस
चौकी
के
पुलिसकर्मी
पहुंचते
तब-तक
उसकी
मौत
हो
चुकी
थी।
IS
के
संपर्क
में
आने
से
बन
गया
था
कट्टरपंथी
जांच
अधिकारियों
के
मुताबिक
अगर
वाहन
में
दो
एलपीजी
सिलेंडरों
में
से
एक
के
कारण
विस्फोट
हुआ
होता
तो
मंदिर
की
ओर
जाने
वाली
सड़क
के
किनारे
घरों
की
कतारें
प्रभावित
हो
सकती
थीं।
इससे
इलाके
में
बड़ा
नुकसान
हो
जाता।
अधिकारियों
के
मुताबिक
जमीशा
आईएस
साहित्य
व
उनके
लोगों
के
संपर्क
में
आने
के
बाद
कट्टरपंथी
बन
गया
था।
हालांकि,
उसे
आतंकवादी
रणनीति
का
प्रशिक्षण
नहीं
मिला
था।
वह
बम
और
विस्फोट
को
संभालने
के
बारे
में
जो
कुछ
भी
जानता
था,
इंटरनेट
से
सीखा
था।
जमीशा
को
उम्मीद
थी
कि
विस्फोट
से
100
मीटर
तक
इलाका
तबाह
हो
जाएगा
मामले
में
IS
से
संपर्क
में
रहने
वाले
छह
आरोपियों
ने
पूछताछ
में
कई
और
भी
खुलासे
किए
हैं।
आरोपियों
के
मुताबिक
जमीशा
को
उम्मीद
थी
कि
उसके
आत्मघाती
विस्फोट
से
50
से
100
मीटर
तक
का
इलाका
तबाह
हो
जाएगा।
पूछताछ
में
यह
भी
पता
चला
है
कि
शनिवार
की
देर
शाम
जमीशा
मुबीन
और
उसके
दो
कथित
सहयोगियों
मोहम्मद
अज़रूद्दीन
और
के
अफसर
खान
ने
दो
एलपीजी
सिलेंडरों
के
साथ
कार
में
पोटेशियम
नाइट्रेट,
एल्यूमीनियम
पाउडर,
सल्फर,
चारकोल,
कील
और
बॉल
बेयरिंग
से
भरे
स्टील
के
तीन
ड्रम
रखे
थे।
यह
वाकया
सीसीटीवी
में
भी
कैद
है।
विस्फोट
से
पहले
तीनों
ने
की
थी
रेकी
जांच
अधिकारियों
ने
बताया
कि
तीनों
ने
बिग
बाजार
स्ट्रीट
पर
स्थित
कोनियाम्मन
मंदिर
और
पुलियाकुलम
मुंडी
विनयगर
मंदिर
की
रेकी
की।
मुबीन
और
गिरफ्तार
किए
गए
दोनों
ने
गांधी
पार्क
में
एक
एलपीजी
बुकिंग
सेंटर
भी
गए
थे।
कार
में
जो
क्षतिग्रस्त
सिलेंडर
मिले
हैं,
दोनों
ने
इसी
सेंटर
से
खरीदा
था।
बुकिंग
केंद्र
की
तरफ
से
उनकी
खरीद
के
खिलाफ
चालान
भी
जारी
किया
है।
अधिकारियों
के
मुताबिक
एलीपीजी
बुकिंग
सेंटर
के
बाद
तीनों
ने
लॉरीपेट
के
पुराने
बाजार
क्षेत्र
का
दौरा
किया
जहां
उन्होंने
तीन
स्टील
ड्रम
खरीदे।
NIA
के
पूर्व
अधिकारी
ने
जमीशा
से
की
थी
2019
में
पूछताछ
एनआईए
के
पूर्व
अधिकारी
शिवकुमार
जो
वर्तमान
में
कोयंबटूर
शहर
की
पुलिस
के
साथ
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
2019
में
जमीशा
मुबीन
से
कट्टरपंथी
तत्वों
के
साथ
उसके
संदिग्ध
संबंधों
के
बारे
में
पूछताछ
की
गई
थी।
इसके
बाद
अधिकारियों
ने
मुबीन
के
घर
की
तलाशी
भी
लिया
था,
इस
दौरान
बम
बनाने
वाली
75
किलोग्राम
मिश्रित
सामग्री
जब्त
की
गई
थी।
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