शिवसेना के मुखपत्र 'Saamana' की नई संपादक बनीं रश्मि ठाकरे, पति उद्धव की ली जगह
मुंबई। शिवसेना पार्टी के मुखपत्र 'सामना' को नया संपादक मिल गया है, जी हां, सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे अब 'सामना' की नई संपादक हैं, मालूम हो कि उद्धव ठाकरे के मुखमंत्री बनने के बाद से ये पद खाली पड़ा था, रश्मि ठाकरे का नाम आधिकारिक तौर पर क्रेडिट लाइन में जारी कर दिया गया है, गौरतलब है कि 'सामना की शुरुआत 23 जनवरी 1988 को बाल ठाकरे ने की थी, साल 1993 में 'सामना' के हिंदी संस्करण की शुरुआत हुई थी।
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'सामना' की नई संपादक बनीं रश्मि ठाकरे
मालूम हो कि सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे एक विदूषी महिला कही जाती हैं, उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने में रश्मि ठाकरे का बहुत बड़ा हाथ माना जाता है, वैसे तो रश्मि ठाकरे का जन्म थाने के डोंबिवली में हुआ था और उन्होंने वाजे-केलकर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है, उनके पिता माधव पटनकर व्यवसायी हैं, रश्मि ठाकरे ने 1987 में जीवन बीमा निगम में कॉन्ट्रै्क्ट कर्मचारी के तौर पर ज्वाइन किया था।
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उद्धव और रश्मि का है प्रेम विवाह
इसी नौकरी के दौरान उनकी दोस्ती उद्धव ठाकरे की चचेरी बहन जयजयवंती से हुई थी और उन्होंने ही उद्धव की मुलाकात रश्मि से करवाई थी, धीरे-घीरे ये पहचान दोस्ती में बदल गई और इसके बाद दोनों को लगा कि ये रिश्ता सिर्फ दोस्ती का नहीं है बल्कि उसके आगे का है, और दोनों ने 1989 में शादी कर ली लेकिन शादी के दो साल बाद तक दोनों मातोश्री से अलग रहे लेकिन फिर बाद में परिवार के साथ रहने के लिए लौट आएं, इस दंपति के दो बेटे हैं, आदित्य और तेजस ठाकरे।
आदित्य की सफलता के पीछे भी मां का ही हाथ
19 साल की उम्र में राजनीति में कूदने वाले आदित्य ठाकरे को उनकी मां रश्मि ठाकरे ने ही चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया था और शिवसेना की सुरक्षित सीट वर्ली सीट से उतारने की बात पार्टी के समक्ष कही थी, जिसमें वो सफल हुईं और आदित्य जीत गए। कहा जाता है कि वो आदित्य को सबसे युवा सीएम के तौर पर देखना चाहती थीं, इसलिए शिवसेना ने भाजपा के सामने 50:50 फार्मूला या बारी-बारी से सीएम के फार्मूले का प्रस्ताव रखा था लेकिन भाजपा ने उसे नहीं माना, जिसकी वजह से शिवसेना के साथ बीजेपी का सालों पुराना गठबंधन टूट गया।
उद्धव की परछाई हैं रश्मि ठाकरे
यही नहीं उद्धव को राजनीति में दिलचस्पी लेने के लिए भी रश्मि ने ही प्रेरित किया। उन्होंने परिवार में भी पैठ जमाया और राजनीति के मैदान में पति उद्धव ठाकरे के पीछे स्तंम्भ के तौर पर खड़ी रहती हैं, रश्मि ठाकरे न सिर्फ राजनीतिक तौर पर पार्टी की मदद करती हैं बल्कि घर को भी भावनात्मक सपोर्ट देने की पूरी कोशिश करती हैं।