'राजनीतिक दलों को वादे करने से नहीं रोक सकते', मुफ्त योजनाओं पर बोले CJI एनवी रमना
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को वादे करने से नहीं रोक सकते। शीर्ष अदालत DMK द्वारा मुफ्त के मुद्दे पर दायर एक याचिका पर सुनवाई की।
नई दिल्ली, 17 अगस्त: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को वादे करने से नहीं रोक सकते। शीर्ष अदालत DMK द्वारा मुफ्त के मुद्दे पर दायर एक याचिका पर सुनवाई की। CJI ने कहा कि जनता को कल्याणकारी योजना प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है। कहा कि यह मामला बहुत जटिल है। सवाल यह भी उठता है कि क्या अदालत इन मुद्दों की जांच करने के लिए सक्षम है।
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डीएमके ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर एक याचिका दायर की। पार्टी ने तर्क दिया कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को मुफ्त नहीं कहा जा सकता है। सरकार को इसको लेकर कई उद्देश्य हो सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले की सुनवाई कल हो सकती है, क्योंकि उनके पास कपिल सिब्बल और विकास सिंह द्वारा दिए गए सुझाव नहीं हैं।
याचिकाकर्ता हंसारिया ने कहा कि अदालत को सुझावों पर विचार करना चाहिए और एक समिति बनानी चाहिए।डीएमके के लिए पी विल्सन ने कहा कि हमने एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है। हम समिति गठित करने के विरोध में हैं। भारत एक समाजवादी कल्याणकारी राज्य है। कल्याणकारी उपाय होने चाहिए।
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