'मुकदमे से पहले अनिवार्य मध्यस्थता' कानून के लिए यही सबसे सही समय: CJI बोबडे
नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने शनिवार को कानून में 'मुकदमे से पहले अनिवार्य मध्यस्थता' की वकालत की। उन्होंने कहा कि यही सही समय है जब एक ऐसा कानून बनाया जाए जिसमें मुकदमे से पहले मध्यस्थता को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न्यायालय में किसी मामले को निपटाने में कम समय लगेगा और साथ ही इस कानून से कार्यक्षमता भी सुनिश्चित होगी।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे शनिवार को 'वैश्वीकरण के युग में मध्यस्थता' विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 'आरबिट्रेशन (मध्यस्थता) बार' पर चर्चा की। एसए बोबडे ने कार्यक्रम में कहा कि भारत में आरबिट्रेशन बार को लाने का बहुत अच्छा समय है। इससे देश की संस्थागत मध्यस्थता के विकास में सफलता प्राप्त होगी। आरबिट्रेशन बार इसलिए जरूरी है क्योंकि यह ज्ञान और अनुभव वाले पेशेवरों की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करेगा।
लोकप्रिय
होना
जजों
का
लक्ष्य
नहीं:
बोबड़े
भारत
के
मुख्य
न्यायाधीश
एसए
बोबडे
ने
कहा
कि
किसी
भी
जज
के
लिए
लोकप्रियता
कभी
लक्ष्य
नहीं
होती।
उन्होंने
कहा,
मेरा
मानना
है
कि
एक
व्यापक
कानून
बनाने
के
लिए
यह
उचित
समय
है,
जिसमें
मुकदमें
से
पहले
अनिवार्य
मध्यस्थता
हो।
अंतरराष्ट्रीय
मध्यस्थता
में
भारत
की
स्थिति
के
बार
में
बोलते
हुए
उन्होंने
कहा
कि
हाल
के
समय
में
भारत
से
जुडे़
सीमापार
के
लेनदेन
में
जबरदस्त
तेजी
देखी
गई
है,
इसमें
सीमापार
से
मध्यस्थता
की
मांग
बढ़ी
है।
यह भी पढ़ें: Delhi Exit Poll Live: दिल्ली चुनाव के एग्जिट पोल में किसकी सरकार, शाम 6 बजे देखें सारे नतीजे एक साथ