उइगर मुस्लिमों का वजूद मिटाने पर तुला चीन, कब्र खोदकर हड्डियां तक निकाल रहा है
नई दिल्ली- यूनाइटेड नेशन्स में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाने वाले चीन की नई असलियत ने दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, चीन ने उइगर मुसलमानों पर अत्याचार के मामले में मानवाधिकार हनन की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। अब उसने उइगर मुसलमानों का इतिहास और उनके पुरखों का अस्तित्व तक मिटाना शुरू कर दिया है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि चीन अब उइगर मुसलमानों के कब्रिस्तानों में तोड़फोड़ शुरू कर चुका है और वहां से हड्डियां तक निकालकर उन्हें नष्ट कर रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि चीन के इस करतूत का खुलासा पूरे विश्व के सामने हो चुका है, लेकिन न तो चीन टस से मस होने के लिए तैयार है और न ही चीन के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार की बात करने वालों को ही कुछ सूझ रहा है।
उइगर मुसलमानों का वजूद मिटाने की साजिश
चीन ने अब बड़े पैमाने पर उइगर मुस्लिमों के इतिहास, उनकी पहचान मिटाने का काम शुरू कर दिया है। 10 लाख से भी ज्यादा उइगर मुसलमानों को बंधक बनाकर रखने से भी जब उसका मन नहीं भरा है तब उसने उनके पूर्वजों के कब्रगाहों को ही तबाह करना शुरू कर दिया है। कब्रों से हड्डियां निकालकर उनकी सारी निशानियां मिटाई जा रही हैं। चीन में एएफपी के एक रिपोर्टर लॉरेंट थॉमेट ने इस संबंध में ट्विटर पर कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं। एक रिपोर्ट में चीन की इस अमानवीय हरकत का विस्तार से खुलासा किया गया है, जिसके मुताबिक शायर काउंटी में तीन इलाकों में इंसान की हड्डियां देखने को मिली हैं। जबकि, चीन का दावा है कि वह कब्रों को तोड़ नहीं रहा, बल्कि उन्हें नया शक्ल दे रहा है और उन्हें नए अंदाज में सजाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने दो साल पहले भी उत्तर-पश्चिमी इलाके में उइगर मुसलमानों के कई दर्जन कब्रिस्तानों को तबाह कर दिया था।
हमारे इतिहास और पूर्वजों से काटने की साजिश- उइगर
जो उइगर चीन से बाहर हैं वे कह रहे हैं कि उनकी पहचान मिटाई जा रही है। ऐसे ही एक उइगर सालिह हुदायक ने कहा है कि 'चीन की ये मुहिम हमारी पचान से जुड़े साक्ष्यों को प्रभावी तरीके से मिटाने का प्रयास है।.......इसलिए वे उन ऐतिहासिक जगहों, कब्रिस्तानों को तबाह कर रहे हैं, जिससे हमें अपने इतिहास, हमारे पिता और हमारे पूर्वजों से काट सकें।'
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उइगर कवि की कब्र पर दिख रहा है पांडा
एएफपी रिपोर्टर लॉरेंट थॉमेट के मुताबिक चीन की इस हरकत के चलते एक उइगर कवि के कब्र का वजूद ही खत्म हो चुका है। उनके कब्र की जगह अब वहां हाथ में लॉलीपॉप लिए एक पांडा दिखाई देने लगा है। यही नहीं उइगर अपने लोकप्रिय नेताओं और वरिष्ठों की कब्रों पर उनका विवरण और तस्वीरें भी लगाते हैं, चीन उन सबको भी नष्ट किए जा रहा है।
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नए कब्रिस्तान बनाने के नाम पर आंख में धूल झोंक रहा ही चीन
चीन का दावा है कि वह नए कब्रिस्तान भी बनवा रहा है, लेकिन उसमें उइगर परंपरा का कद्र नहीं किया जा रहा। उइगर कब्रिस्तानों के जानकार बतातें हैं कि अब उनके पास शोक मनाने का पारपंरिक स्थान भी नहीं बच गया है।
10 लाख उइगर मुस्लिमों को बंधक बना रखा है
उइगर मुसलमानों पर चीन में जारी इन्हीं अत्याचारों को देखते हुए अमेरिका ने 28 चीनी कंपियों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है। अमेरिका ने दो टूक कह दिया है कि वह मानवाधिकार के उल्लंघन को देखते हुए चीनी अधिकारियों को वीजा नहीं देगा। गौरतलब है कि चीन सरकार को पिछले साल उस समय भी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था, जब मुसलमानों में शवों के दफनाने की परंपरा को उसने रोकने की कोशिश की थी। वह एक कदम आगे बढ़कर मध्य झियांग्सी में ताबूतों को तोड़कर उनके शवों को जलाने के लिए मजबूर कर दिया था। गौरतलब है कि मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि चीन के शिजियांग प्रांत में अभी करीब 10 लाख उइगर मुसलमानों को यातनागृहों में कैद करके रखा गया है, जहां उनके साथ जानवरों जैसा सलूक किया जाता है। जबकि, चीन दावा करता है कि ये सिर्फ प्रशिक्षण केंद्र हैं और वह किसी भी तरह की प्रताड़ना के आरोपों से साफ इनकार भी करता है।
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