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कार-बाइक बेचने से पहले आप भी रहें सावधान, नहीं तो हो सकती है ऐसी मुसीबत

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नई दिल्‍ली। अगर आपने भी अपनी पुरानी कार या मोटरसाकिल किसी को बेची है तो सबसे पहले उससे जुड़ा रिकॉर्ड जरूर अपडेट करा लें नहीं तो आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर आपने रिकॉर्ड अपडेट नहीं कराया है और अगर पुरानी कार का वर्तमान मालिक एक्‍सिडेंट करता है तो मुआवजे के तौर पर आपको पैसे देने पड़ेंगे। साफ शब्‍दों में कहें तो कार या बाइक बेचकर अगर उसका रजिस्ट्रेशन अगले मालिक के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया गया है तो दुर्घटना होने की स्थिति में हर्जाना पहले मालिक को भरना होगा। एक कार हादसे के संबंध में सुनवाई के दौरान मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय लिया।

मामला थोड़ा अजीब है इसलिए जानिए क्‍या हुआ ऐसा

मामला थोड़ा अजीब है इसलिए जानिए क्‍या हुआ ऐसा

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मामला विजय कुमार नाम के एक शख्‍स से जुड़ा है। उसने 12 जुलाई 2007 को अपनी कार एक व्यक्ति को बेची थी। उस व्यक्ति ने 18 सितंबर 2008 को वह कार किसी तीसरे को बेच दी। फिर तीसरे मालिक ने उसे नवीन कुमार नाम के व्यक्ति को बेच दिया। नवीन कुमार ने भी वह कार मीर सिंह को बेच दी। इसी बीच कार दुर्घटना का शिकार हो गई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया।

सबसे पहले मालिक पर 3.85 लाचा मुआवजा देने का आदेश

सबसे पहले मालिक पर 3.85 लाचा मुआवजा देने का आदेश

दुर्घटना के बाद मामला मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पहुंच गया। ट्रिब्यूनल कोर्ट ने इस मामले में कार मालिक पर पीड़ित को 3.85 लाख का मुआवजा देने का आदेश जारी किया। यह मुआवजा कार चला रहे शख्स के अलावा कार के सबसे पहले मालिक विजय कुमार को देने के लिए कहा गया क्योंकि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर उसी का नाम था। विजय कुमार ने इस आदेश को पंजाब और हरियाणा कोर्ट में चुनौती दी जहां उन्हें इससे राहत मिल गई।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

कार के वर्तमान मालिक ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जहां उनके वकील ने कहा मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार जिस व्यक्ति का नाम रजिस्ट्रेशन कार्ड पर लिखा है वो भी तात्कालिन मालिक के साथ कार का मालिक माना जाएगा। इस अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे मामले में जहां रजिस्टर्ड मालिक जहां कार को ट्रांसफर करने की बात कह रहा है लेकिन रिकॉर्ड में खुद ही मालिक नजर आ रहा है, वो जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। मोटर यान अधिनियम- 1988 की धारा-2 (30) के तहत दुर्घटना होने पर हर्ज़ाना चुकाने के उत्तरदायी भी वे ही होंगे।

घर बैठे करवा सकते हैं रजिस्‍ट्रेशन का ट्रांसफर, जानिए पूरी प्रक्रिया

घर बैठे करवा सकते हैं रजिस्‍ट्रेशन का ट्रांसफर, जानिए पूरी प्रक्रिया

"परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को ऑन लाइन करने के बाद अब वाहनों के ट्रांसफर व रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी ऑन लाइन कर रहा है। इससे लोग ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ ट्रांसफर व रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी घर बैठे कर सकते हैं। वाहनों का ट्रांसफर व रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइड खोलनी होगी। इस पर आवेदन फार्म भरना होगा। इस प्रक्रिया के बाद विभाग की ओर से तारीख दे दी जाएगी। इस तारीख पर आवेदनकर्ता विभाग में जाकर वाहन का रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर करवा सकेगा।

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English summary
If you sold your car and did not bother to change the ownership in registration records, you would be liable for compensation claims arising from accidents involving the vehicle even if another person owned and drove the car, the Supreme Court ruled on Tuesday.
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