पाकिस्तान से पश्चिम में निपटने के लिए भारतीय वायुसेना खड़ा करेगी एयरबेस
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नई दिल्ली। पाकिस्तान की सीमा पर भारतीय वायुसेना का लंबे समय से रुके प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केबिनेट कमेटी सिक्योरिटी (CCS) ने भारतीय वायुसेना को उत्तर पश्चिमी गुजरात के बनासकांठा जिले के दीसा में फायटर बेस बनाने की इजाजत दे दी है। गुजरात का उत्तर पश्चिमी क्षेत्र भारत की पाकिस्तान से पश्चिमी सीमा को छूती है। रक्षा मंत्रालय के अधिाकारियों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय वायुसेना को शुरुआत में करीब 1,000 रुपये का निवेश करने की अनुमति दे दी है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत फाइटर-पेंस और प्रशासनिक सुविधाओं को खड़ा किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इस 1,000 मीटर वाले छोटे एयरपोर्ट का इस्तेमाल हेलिकॉप्टर उतारने और वीवीआईपी के लिए किया जाएगा। इस 4,00 एकड़ जमीन पर लगभग दो दशक पहले इस जमीन पर अधिग्रहण किया गया था, जो राजस्थान के बाड़मेर और गुजरात के भुज के बीच महत्वपूर्ण हवाई रक्षा का काम करेगा।
यह एयर बेस भले ही छोटा हो, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से हवा में हो रही हर प्रकार की गतिविधियों पर फोकस करने के लिए भारतीय वायु सेना के लिए यह महत्वपूर्ण काम करेगा। भारतीय वायु सेना के पूर्व दो अधिकारियों ने कहा है कि दीसा में बेस बनने से उत्तर और पश्चिम में बाड़मेर और भुज/नालिया के बीच की बड़ जगह को भरने का करेगा।
वायुसेना के इस बेस का निर्माण गांधीनगर-मुख्यालय दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) के तहत होगा, जिसका नेतृत्व भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बिरेंद्र सिंह धानो 2014-15 में किया गया था। एसडब्ल्यूएसी के उत्तरदायित्व के क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान शामिल हैं।