सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
नई दिल्ली। देश के बड़े से बड़े घोटाले की जांच करने वाली जांच एजेंसी सीबीआई अब खुद ही आरोपों का सामना कर रही है। सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर पर घूसखोरी का आरोप लगा है, जिसके बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के अनुसार सीबीआई ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ पिछले हफ्ते यह एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में रॉ के स्पेशल डायरेक्टर सामंत कुमार का भी नाम शामिल है। हालांकि उन्हें एफआईआर में आरोपी नहीं बनाया गया है।
आरोपी नंबर 1
एफआईआर में सीबीआई ने अस्थाना को आरोपी नंबर एक बनाया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने एक बिजनेसमैन से घूस ली। उन्होंने यह घूस मोई कुरैशी घोटाले की जांच के दौरान ली थी, जिसकी जांच एसआईटी कर रही थी। इस एसआईटी के मुखिया राकेश अस्थाना थे। सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने सबूत के तौर पर फोन पर बातचीत के अंश, व्हाट्सएप मैसेज, बैंक में पैसों के लेनदेन की जानकारी को पेश किया है। अस्थाना से मैसेज के जरिए इन तमाम तथ्यों पर सवाल पूछा गया था, जिसपर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
आरोप-प्रत्यारोप
का
दौर
यही
नहीं
सीबीआई
द्वारा
अस्थाना
के
खिलाफ
चल
रही
जांच
के
बारे
में
केंद्रीय
सतर्कता
विभाग
को
भी
जानकारी
दी
गई
है।
सीवीसी
को
बताया
गया
है
कि
अस्थाना
के
खिलाफ
छह
मामलों
में
जांच
चल
रही
है।
साथ
ही
इसमे
कहा
गया
है
कि
अस्थाना
सीबीआई
डायरेक्टर
आलोक
वर्मा
की
छवि
को
खराब
करने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं,
वह
जानबूझकर
सीबीआई
के
अधिकारियों
के
खिलाफ
सीवीसी
को
गलत
शिकायत
भेज
रहे
हैं।
इसपर
अस्थाना
ने
सरकार
को
पत्र
लिखकर
आलोक
वर्मा
की
शिकायत
की
है।
2017
में
आया
था
मामला
सामने
अस्थाना
ने
आलोक
वर्मा
की
शिकायत
करते
हुए
कहा
है
कि
सीबीआई
के
डायरेक्टर
को
उनके
पद
से
हटाया
जाए
क्योंकि
वह
उनकी
छवि
को
खराब
करने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं
और
जांच
में
हस्तक्षेप
कर
रही
हैं।
आपको
बता
दें
कि
सीबीआई
ने
अस्थाना
के
खिलाफ
जांच
तब
शुरू
की
जब
दुबई
में
मनोज
प्रसाद
की
गिरफ्तारी
हुई
थी।
मनोज
प्रसाद
वही
व्यक्ति
है
जिसने
घूसखोरी
में
मध्यस्थ
की
भूमिका
निभाई
थी।
गौर
करने
वाली
बात
है
कि
कुरैशी
के
ठिकाने
पर
आयकर
विभाग
ने
फरवरी
2014
में
छापेमारी
की
थी।
उसके
ब्लैकबेरी
फोन
में
कई
संदिग्ध
मैसेज
मिले
थे।
इस
छापेमारी
के
तीन
साल
बाद
फरवरी
2017
सीबीआई
ने
इस
मामले
में
केस
दर्ज
किया
था
और
एसआईटी
का
गठन
करके
उसे
इसकी
जांच
का
जिम्मा
सौंपा
था,
जिसके
मुखिया
अस्थाना
थे।
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