Navjot Singh Sidhu vs Amarinder Singh: 'मैं कोई शोपीस नहीं हूं, मेरे लिए दरवाजे बंद करने वाले कैप्टन हैं कौन?
नई दिल्ली, 22 जून। पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम अमरिंदर सिंह के बीच का तनाव पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है। आज जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) से मिलने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ एक दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जमकर सीएम पर वार किया है। गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू का साल 2019 से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मतभेद चल रहा है।
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मैं बस राज्य का हित चाहता हूं: सिद्धू
दोनों की आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। अपने इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा कि 'अगर मेरी ओर से उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान हो जाता है तो मैं उनके साथ काम करने को तैयार हूं, मेरी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी तो उनसे है नहीं, मैं बस राज्य का हित चाहता हूं।'
'78 विधायक मेरी ही समर्थन में हैं'
जब सिद्धू से पूछा गया कि क्या कैप्टन ने केवल सिद्धू के लिए दरवाजे बंद किए हैं, जिस पर सिद्धू ने कहा कि 'मेरे लिए दरवाजे बंद करने वाले वो कौन हैं? वो तीन चुनाव हारे हैं, उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी, बाद में मैडम सोनिया गांधी ने पार्टी का अध्यक्ष बना दिया, वो पार्टी तोड़ने की धमकी दे रहे थे। मैं आपको बता दूं कि इस वक्त सभी 78 विधायक मेरे ही समर्थन में है।'
'मेरे लिए राजनीति एक मिशन है, सेवा है, प्रोफेशन नहीं'
जुलाई 2019 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सिद्धू ने कहा कि 'वो कभी भी पद के पीछे नहीं भागे हैं और ना ही भागेंगे। प्रशांत किशोर मेरे पास आए और मुझसे तकरीबन 60 बार मिले, उसके बाद मैंने पार्टी जॉइन की थी। मेरे लिए राजनीति एक मिशन है, सेवा है, प्रोफेशन नहीं है। मैं राज्य की जनता के लिए कुछ अच्छा करना चाहता हूं इसलिए मैंने एक पंजाब मॉडल बनाया था और सीएम को इस बारे में बताया था लेकिन उन्हें ठीक नहीं लगा।'
यहां देखें: नवजोत सिंह सिद्धू का पूरा इंटरव्यू
'अब कैबिनेट में शामिल करने की बात कही'
सिद्धू ने कहा कि 'यहां एक आदमी का शासन चलता है, अगर आप उनकी हां में हां मिलाते हैं, तो सबकुछ ठीक हो जाता है, जहां आप सवाल खड़े करते हैं, वहां आप पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। 17 साल- लोकसभा, राज्यसभा, विधायक, मंत्री... तक मैं काम कर रहा हूं, मेरा बस एक ही मकसद है और वो है पंजाब को चलाने वाली व्यवस्था को बदलने का लेकिन जब सिस्टम (सीएम अमरिंदर सिंह) ने सुधार के हर प्रयास को ना कहा, तो मैंने सिस्टम को ही खारिज कर दिया।'
क्या मैं कोई दर्शनी घोड़ा या शोपीस हूं?
'अब वो मुझे कैबिनेट में शामिल करने की भी बात कह रहे है, कल तक मेरी हर बात को गलत और खारिज करने वाले सिस्टम को आज मैं कैसे अच्छा लग रहा हूं जो कि मुझे वो मंत्रालय में शामिल करना चाहते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप मुझे चुनाव अभियान में इस्तेमाल करना चाहते हो ? क्या मैं कोई दर्शनी घोड़ा या शोपीस हूं?, जब तक राज्य की जनता के लिए मांगी गई मेरी मांगें पूरी नहीं होती है, मैं कैसे कैबिनेट का हिस्सा बन सकता हूं। मेरे लिए कोई पद मायने नहीं रखता।। इसके बजाए हाईकमान जहां चाहेगा मैं वहां स्वतंत्र रूप से काम करना चाहूंगा और मुझे लगता है कि वो मेरी बात समझेगा।'