केदारनाथ आपदा में फंसे थे अश्विनी चौबे, फिर बने मोदी के मंत्री
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। पीएम मोदी के साथ तमाम मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में इस बार अश्विनी चौबे को भी शामिल किया है। अश्विनी चौबे उस वक्त चर्चा में आए थे जब वर्ष 2013 में केदारनाथ में प्राकृति आपदा आई थी। अश्विनी चौबे ने इस आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ रात बिताई थी। जिस वक्त इस आपदा में तमाम परिवारों का घर उजड़ गया था और हर तरफ लाशों का अंबार था, ऐसे वक्त में अश्विनी चौबे इन ने इन लोगों के साथ रात बिताई थी। बहुत ही मुश्किल से अश्विनी चौबे इस आपदा से अपनी जान बचा पाए थे।
कई
लोग
हो
गए
थे
लापता
केदारनाथ
प्राकृतिक
आपदा
में
फंसे
अश्विनी
चौबे
की
सुरक्षा
में
लगे
सुरक्षाकर्मी,
निजी
सहायक
सहित
7
रिश्तेदार
लापता
हो
गए
थे।
अश्विनी
चौबे
तीन
रात
तक
यहां
पर
फंसे
रहे
थे
और
लाशों
के
बीच
ही
रहे
थे।
इस
आपदा
में
खुद
अश्विनी
चौबे
भी
घायल
हो
गए
थे।
बता
दें
कि
अश्विनी
चौबे
16
जून
2013
को
अपने
बेटे,
बहू
और
अन्य
रिश्तेदारों
के
साथ
केदारनाथ
गए
थे।
जिस
दिन
केदारनाथ
में
प्राकृति
आपदा
आई
थी,
उस
दिन
अश्विनी
चौबे
वहां
मौजूद
थे।
अपनी
और
परिवार
की
जान
बचाने
के
लिए
चौबे
के
परिवार
ने
3
दिन
तक
मंदिर
के
गर्भगृह
में
ही
शरण
ली
थी।
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लगाए
थे
गंभीर
आरोप
हादसे
के
बाद
सुरक्षित
वापस
लौटे
अश्विनी
चौबे
ने
पत्रकारों
से
बात
करते
हुए
तत्कालीन
उत्तराखंड
सरकार
पर
संगीन
आरोप
लगाए
थे।
उन्होंने
आरोप
लगाया
था
कि
इस
हादसे
में
फंसे
लोगों
की
सरकार
ने
मदद
नहीं
की
और
लोग
भूखे-प्यासे
दम
तोड़ने
के
लिए
मजबूर
थे।
उन्होंने
कहा
था
कि
इस
हादसे
में
15-20
हजार
लोगों
की
मौत
हुई
है।
उन्होंने
बताया
था
कि
मंदिर
के
गर्भगृह
में
कई
लाशें
पड़ी
थी
और
उनके
सामने
ही
कई
लोगों
ने
दम
तोड़ा
था।
पीएम
मोदी
का
शपथ
ग्रहण
बता
दें
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
शपथ
ग्रहण
समारोह
में
तकरीबन
6000
लोग
हिस्सा
लेने
पहुंचे
हैं,
जिसमे
तमाम
दलों
के
नेता,
प्रदेशों
के
मुख्यमंत्री,
विदेशी
मेहमान
के
अलावा
अलग-अलग
वर्ग
के
लोग
पहुंचे
हैं।
बाहरी
मेहमानों
में
बांग्लादेश,
श्रीलंका,
म्यांमार,
थाईलैंड,
नेपाल
और
भूटान
के
प्रमुख
शामिल
होने
के
लिए
पहुंचे
हैं।
तमाम
मंत्रियों
के
शपथ
ग्रहण
के
बाद
उनके
मंत्री
पद
की
घोषणा
की
जाएगी।
बता
दें
कि
इस
बार
लोकसभा
चुनाव
में
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
प्रचंड
बहुमत
हासिल
करते
हुए
अकेले
दम
पर
303
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
है।
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