बुलंदशहर हिंसा: सुबोध कुमार हत्या मामले में नया मोड़, तीन दोस्तों पर आकर टिकी शक की सुई
बुलंदशहर। बुलंदशहर में गोकशी के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में एसआईटी और एसटीएफ की नजर तीनों दोस्तों पर लगी हुई है। बताया जा रहा है कि तीनों दोस्त चिंगरावठी गांव के ही रहने वाले हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि तीनों दोस्त घटना के बाद से ही फरार चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, घटना के सभी वीडियोज की गहनता से जांच करने के बाद पुलिस का शक इन तीनों दोस्तों पर गहरा रहा है। अभी तक जांच जिस दिशा में जा रही है, उसके आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि इन तीनों दोस्तों में से ही किसी एक गोली चलाई, जिसके लगने से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हुई।
बंद हैं तीनों दोस्तों के मोबाइल, लगातार ट्रेस कर रही पुलिस
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इन तीनों के बारे में काफी जानकारी एकत्र की है। इनके मोबाइल नंबर पता चल गए हैं और अन्य तरीकों से तीनों दोस्तों की ट्रेकिंग की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीनों दोस्तों के मोबाइल फोन भी बंद हैं।
जीतू फौजी ने बार-बार कह रहा गोली न चलाने की बात
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में पुलिस जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। कोर्ट से जेल ले जाने के दौरान जीतू फौजी ने पुलिस पर उसके घर में तोड़फोड़ करने के आरोप लगाए। उससे पुलिस ने काफी कड़ी पूछताछ की, लेकिन जीतू फौजी बार-बार यही कह रहा है कि उसने गोली नहीं चलाई। जीतू फौजी ने मान कि उस वक्त वह घटनास्थल पर मौजूद था, लेकिन उसने गोली नहीं चलाई।
7 घंटे पूछताछ के बाद भी जीतू के पास अब तक कोई बरामदगी नहीं हुई
बुलंदशहर
के
स्याना
में
3
दिसंबर
को
हुई
हिंसा
मामले
में
जीतू
फौजी
को
लेकर
एसटीएफ
रविवार
तड़के
स्याना
लेकर
भी
गई
थी।
स्याना
और
बुलंदशहर
में
उससे
करीब
7
घंटे
तक
एसटीएफ,
एसआईटी
और
क्राइम
ब्रांच
के
अधिकारियों
ने
पूछताछ
की।
शाम
को
जीतू
का
मेडिकल
कराने
के
बाद
उसे
कोर्ट
में
पेश
किया
गया,
जहां
से
उसे
14
दिन
की
न्यायिक
हिरासत
में
जेल
भेज
दिया।
जीतू
फौजी
के
पास
से
पुलिस
हिंसा
से
संबंधित
कोई
बरामदगी
अब
तक
नहीं
कर
सकी
है।
इस
दौरान
जीतू
ने
कहा
कि
वह
भीड़
में
शामिल
था,
पर
उसने
इंस्पेक्टर
को
गोली
नहीं
मारी।
जीतू
फौजी
हिंसा
के
बाद
वापस
ड्यूटी
पर
जम्मू-कश्मीर
चला
गया
था।
एसटीएफ
और
पुलिस
टीम
सीजेएम
कोर्ट
से
वारंट
लेकर
जम्मू-कश्मीर
पहुंची
थी।
सैन्य
अधिकारियों
ने
सोपोर
में
जीतू
को
एसटीएफ
के
हवाले
किया
था।