बिल्डर की प्रॉपर्टी होगी नीलाम, मिलने वाले पैसे से पूरा होगा प्रोजेक्ट
मुंबई। घर खरीदारों से धोखा देना एक बिल्डर को भारी पड़ गया, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिल्डर की प्रॉपर्टी को नीलाम करने का आदेश दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोप बिल्डर पर सख्त कार्रवाई का ये खास तरीका निकाला। कोर्ट ने आदेश दिया है कि बिल्डर के माटुंगा स्थित एक फ्लैट और महाबलेश्वर के पास 58 एकड़ की प्रॉपर्टी को नीलाम करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इन प्रॉपर्टी से मिलने वाली राशि से घर खरीदारों से जुड़े प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा।
बिल्डर की बढ़ी मुश्किलें
पूरा मामला मुंबई के दादर का है जहां बिल्डर ने एक पुनर्विकास परियोजना को पूरा करने के लिए वहां मौजूद एक बिल्डिंग को करीब आठ साल पहले गिरा दिया। बिल्डर के इसकदम से वहां रह रहे करीब 21 किराएदार बेघर हो गए। इन किराएदारों को अलग-अलग जगह पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। साल 2008 में हुए इस घटनाक्रम में बिल्डर ने साफ किया कि वो बिल्डिंग को रि-डेवलप करेगा। हालांकि वक्त बीतने लगा लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका।
मुंबई हाईकोर्ट का अहम फैसला
आखिरकार सुनील सोई नाम के एक किराएदार ने बिल्डर शिरीष दीक्षित के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसमें बताया गया कि 2008 में बिल्डर शिरीष दीक्षित ने तीन मंजिला एक इमारत को खरीदा और उसे रिडेवलप करना चाहता है। साल 2009 में सभी किराएदार दूसरी जगह रहने चले गए, जिसके बाद उस बिल्डिंग को तोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि बिल्डर शुरूआती दिनों में सभी किरायेदारों को किराया देता रहा, लेकिन बाद में पैसे देना बंद कर दिया।
कोर्ट के फैसले से बिल्डर को लगा जोर का झटका
शिरीष दीक्षित ने बताया कि उन्होंने दादर (पूर्व) के शाहनाज से रिडेवलपमेंट के लिए बिल्डिंग ली थी। शाहनाज ही इस जमीन के असली मालिक थे। उनके बीच जो एग्रीमेंट हुआ उसके मुताबिक शिरीष ने 34 महीने में बिल्डिंग का पुनर्विकास कर लिया जाएगा। हालांकि तय वक्त पूरा होने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। 2015 में किराएदारों को पता चला कि बिल्डर ने जमीन को गिरवी रखकर 10.4 करोड़ रुपये का लोन ले लिया है। इसके बाद किराएदारों ने कोर्ट में अपील की, अप्रैल 2016 में इकॉनोमिक ऑफेंस विंग (EOW) में मामले की शिकायत दर्ज कराई।
बिल्डर की प्रॉपर्टी होगी नीलाम
इसी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर की मंशा ये प्रोजेक्ट पूरा करने की नहीं है। इसी के बाद कोर्ट ने खास फैसला सुनाते हुए बिल्डर के माटुंगा में स्थित एक फ्लैट और महाबलेश्वर के पास स्थित 58 एकड़ के प्लॉट की नीलामी का आदेश दिया। इन प्रॉपर्टी की नीलामी से मिलने वाली राशि से बिल्डिंग का निर्माण पूरा करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है।
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