Budget 2021: कृषि कानून, वैक्सीन से चीन तक: राष्ट्रपति के अभिभाषण में प्रमुख रहीं ये 7 खास बातें
President Address Parliament Budget Session: नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संयुक्त रूप से संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजनाओं और नीतियों को प्रमुखता से सामने रखा। आइए देखते हैं राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में किन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की।
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गणतंत्र
दिवस
पर
हिंसा
राष्ट्रपति
ने
गणतंत्र
दिवस
पर
हिंसा
और
ट्रैक्टर
परेड
के
दौरान
तिरंगे
के
अपपान
को
को
बेहद
की
दुर्भाग्यपूर्ण
बताते
हुए
इसकी
निंदा
की।
उन्होंने
कहा
"पिछले
दिनों
गणतंत्र
दिवस
जैसे
पवित्र
दिन
पर
तिरंगे
का
अपमान
और
दिल्ली
में
हुई
हिंसा
बेहद
ही
दुर्भाग्यपूर्ण
है।
जो
संविधान
हमें
अभिव्यक्ति
की
आजादी
का
अधिकार
देता
है,
वही
संविधान
हमें
सिखाता
है
कि
कानून
और
नियम
का
भी
उतनी
ही
गंभीरता
से
पालन
करना
चाहिए।"
उन्होंने
आगे
कहा
कि
"मेरी
सरकार
ने
हमेशा
अभिव्यक्ति
की
स्वतंत्रता
और
लोकतांत्रिक
तरीके
से
शांतिपूर्ण
प्रदर्शन
का
हमेशा
सम्मान
किया
है।"
लद्दाख
विवाद
पर
बोले
राष्ट्रपति
अभिभाषण
में
राष्ट्रपति
ने
एलएसी
पर
चीनी
आक्रामकता
के
बारे
में
भी
संबोधित
किया
और
भरोसा
दिलाया
कि
सरकार
देश
के
हितों
की
रक्षा
के
लिए
पूरी
तरह
प्रतिबद्ध
है।
पूर्वी
लद्दाख
की
गलवान
घाटी
में
देश
की
सुरक्षा
के
लिए
चीनी
सैनिकों
के
साथ
संघर्ष
में
अपना
सर्वोच्च
बलिदान
देने
वाले
20
भारतीय
जवानों
को
श्रद्धांजलि
दी
और
कहा
भारत
की
संप्रभुता
की
रक्षा
के
लिए
अतिरिक्त
सुरक्षाबल
तैनात
कर
दिए
गए
हैं।
भारत
और
चीन
के
बीच
पिछले
साल
मई
से
ही
एलएसी
पर
तनाव
बना
हुआ
है
और
इस
समय
कड़ाके
सर्दियों
में
भी
दोनों
देशों
के
जवान
आमने-सामने
तैनात
हैं।
कृषि
कानून
कृषि
कानूनों
पर
बोलते
हुए
राष्ट्रपति
ने
कहा
मेरी
सरकार
यह
स्पष्ट
करना
चाहती
है
कि
नए
कृषि
कानून
देश
विरोधी
नहीं
बल्कि
देश
हित
में
है।
उन्होंने
कहा
कि
नए
कृषि
कानूनों
के
सितम्बर
में
लागू
होने
के
बाद
से
अब
तक
10
करोड़
छोटे
किसानों
को
तत्काल
लाभ
पहुंच
चुका
है
और
विभिन्न
पार्टियां
पहले
इन
उपायों
का
समर्थन
कर
चुकी
हैं।
देश
के
लिए
चुनौती
भरा
समय
राष्ट्रपति
ने
कहा
बजट
सत्र
COVID-19
के
चुनौतीपूर्ण
समय
पर
आयोजित
किया
जा
रहा
है।
कहा
कि
चुनौती
चाहे
कितनी
भी
बड़ी
हो,
भारत
रुकेगा
नहीं।
उन्होंने
कहा
कि
जब
भी
भारत
एकजुट
होता
है,
उसने
असंभव
लक्ष्य
हासिल
किए
हैं।
राष्ट्रपति
ने
दुख
व्यक्त
किया
कि
महामारी
के
खिलाफ
लड़ाई
में,
भारत
ने
कई
देशवासियों
को
खो
दिया
है।
इस
दौरान
उन्होंने
पूर्व
राष्ट्रपति
प्रणब
मुखर्जी
और
छह
सांसदों
को
श्रद्धांजलि
दी
है,
जिनका
कोरोना
वायरस
महामारी
के
दौरान
निधन
हो
गया।
समय
से
उठाए
गए
कदम
राष्ट्रपति
ने
कहा
कि
कोरोना
महामारी
के
इस
समय
में
जब
दुनिया
का
प्रत्येक
व्यक्ति
इससे
प्रभावित
हुआ
तो
भारत
इस
लड़ाई
में
काफी
सशक्त
रहा।
मुझे
संतोष
है
कि
सरकार
के
द्वारा
उठाए
गए
कदम
से
कोरोना
से
लड़ने
में
हमे
बड़ी
सफलता
मिली
है।
इस
दौरान
80
करोड़
लोगों
को
8
महीने
तक
मुफ्त
अनाज
उपलब्ध
कराया
गया।
आत्मनिर्भर
भारत
सरकार
के
आत्मनिर्भर
अभियान
कार्यक्रम
की
सराहना
करते
हुए,
राष्ट्रपति
ने
कहा
कि
यह
केवल
भारत
में
विनिर्माण
तक
ही
सीमित
नहीं
है।
बल्कि
प्रत्येक
भारतीय
के
जीवन
स्तर
को
ऊंचा
करने
के
साथ-साथ
देश
के
आत्मविश्वास
को
बढ़ाने
के
उद्देश्य
से
भी
एक
अभियान
है।
कोरोना
वायरस
टीकाकरण
कोरोना
वायरस
टीकाकरण
के
बारे
में
राष्ट्रपति
ने
कहा
यह
अत्यंत
गर्व
का
विषय
है
कि
भारत
दुनिया
के
सबसे
बड़े
टीकाकरण
कार्यक्रम
को
संचालित
कर
रहा
है।
इस
कार्यक्रम
के
तहत
निकले
दोनों
टीकों
का
उत्पादन
स्वदेशी
रूप
से
किया
जाता
है।
वहीं तीन कृषि कानूनों की मांग को खत्म करने के लिए आंदोलनरत किसानों के समर्थन में राष्ट्रपति के अभिभाषण का 18 पार्टियों ने बहिष्कार किया।
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