जय मजदूर, जय किसान, जय मिडिल क्लास, मोदी सरकार के आखिरी बजट में छिपा चुनावी नारा
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नई दिल्ली। शुक्रवार को मौजूदा सरकार का आखिरी बजट पीयूष गोयल ने पेश किया है। वित्त मंत्रालय का आतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल के बजट में कई घोषणाएं की गई हैं। खासतौर से मजदूर, किसान और मिडिल क्लास के लिए घोषणाएं की गई हैं। देश में दो महीने बाद आम चुनाव होने हैं, ऐसे में बजट में लुभावनी घोषणाएं की गई है।
बजट के जरिए चुनाव पर निगाह
भाजपा की हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव में हार के बाद सरकार ने ये ध्यान रखा है कि बजट में लोगों को लुभाया जाए। इसमें सबसे बड़ी घोषणा किसानों के लिए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दो हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसान के बैंक खाते में सालाना छह हजार रुपए भेजे जाएंगे। इससे 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा। हाल के दिनों में किसानों ने कई बड़े आंदोलन किए हैं और वो मोदी सरकार से नाखुशी जाहिर करते रहे हैं। ऐसे में इसे किसानों को खुश करने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है। वहीं इसे हाल ही में राहुल गांधी के न्यूनतम आय के वादे की काट की तरह भी देखा जा सकता है।
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मजदूरों को पेंशन
सरकार ने बजट में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का ऐलान किया है। इस पेंशन स्कीम के तहत मजदूरों को 3,000 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। इस स्कीम के अंदर 10 करोड़ मजदूरों के आने का अनुमान है। योजना का लाभ लेने के लिए मजदूरों को प्रति माह 100 रुपए का अंशदान करना होगा। 60 वर्ष की आयु के बाद मिलेगा उन्हें 3,000 रुपए प्रति माह मासिक पेंशन मिलेगी। सरकार की इस योजना में एक बड़ा तबका आएगा। इस स्कीम के जरिए सरकार की निगाह उस तबके को लुभाने पर है जो अमूमन भाजपा का वोटर नहीं माना जाता है।
मिडिल क्लास को तोहफा
सरकार की तीसरी बड़ी बड़ी घोषणा एक बड़े मिडिल क्लास के लिए है। जिसमें सैलरी क्लास को टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख करने का ऐलान किया गया है। अभी तक टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख थी, जिसे अब 5 लाख कर दिया गया है। पीयूष गोयल के इस ऐलान के साथ ही अब सैलरी क्लास के लोगों को बड़ी राहत मिली है। उन्हें अब 5 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
मिडिल क्लास को मौटे तौर पर भाजपा का ही वोटर माना जाता रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि इस वर्ग के लिए सरकार कुछ ऐलान करेगी। हाल के दिनों में लगातार इस तरह की बातें सामने आई थीं कि भाजपा का कोर वोटर उससे छिटक रहा है। जीएसटी के बाद एक तबका लगातार ये कह रहा था कि सरकार को मिडिल क्लास की याद सिर्फ टैक्स बढ़ाने के लिए आती है। यहां तक कि पुंडुचेरी के एक भाजपा कार्यकर्ता ने तो पीएम मोदी के सामने भी ये बात उठाई थी कि सरकार का मिडिल क्लास में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। ऐसे में अपने आखिरी बजट के जरिए सरकार ने अपने आखिरी बजट में एक तरह से 'जय मजदूर, जय किसान, जय मिडिल क्लास' का चुनावी नारा भी दे दिया है। बजट के जरिए एक बड़े वर्ग को लुभाने की कोशिश सरकार ने की है।