#Unionbudget2018: 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है आम बजट
बड़ी बात ये है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं और सेंट्रल सेक्टर स्कीम के आवंटन में भी औसतन 10 से 15 फीसद की वृद्धि हो सकती है।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार आम बजट में दिल खोलकर खर्च करने की तैयारी कर रही है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के आवंटन में खासा वृद्धि हो सकती है और आम बजट 2018-19 का आकार बढ़कर 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 21,46,735 करोड़ रुपय का बजट पेश किया था। सूत्रों का कहना है कि इसमें लगभग 10 फीसद की वृद्धि हो सकती है और अगले वित्त वर्ष का आकार 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है।
सेंट्रल सेक्टर स्कीम के आवंटन में भी औसतन 10 से 15 फीसद की वृद्धि हो सकती है
बड़ी बात ये है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं और सेंट्रल सेक्टर स्कीम के आवंटन में भी औसतन 10 से 15 फीसद की वृद्धि हो सकती है। चालू वित्त वर्ष में इन योजनाओं के लिए 4.58 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। संभावना है कि आम बजट 2018-19 में यह बढ़कर पांच लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है।
आम बजट 2018-19 मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा
आम बजट 2018-19 मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा, ऐसे में सरकार लोक कल्याण कार्यक्रमों पर खर्च करने में संकोच नहीं दिखाएगी। जिन क्षेत्रों के आवंटन में वृद्धि हो सकती है, उनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण विकास भी प्रमुख हैं। इसके अलावा रोजगार देने वाले क्षेत्रों और योजनाओं के बजट में भी खासा वृद्धि की जा सकती है। इस बीच सरकार जीएसटी संग्रह में गिरावट के मद्देनजर राजकोषीय संतुलन साधने की चुनौती का सामना कर रही है।
राजकोषीय घाटे को काबू रखने की चुनौती होगी
सरकार के सामने राजकोषीय घाटे को काबू रखने की चुनौती होगी। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.2 फीसद रखा है। ऐसे में कोशिश होगी अगले वित्त वर्ष में इसे अगर तीन फीसद पर न लाया जा सके तो कम से कम 3.2 फीसद पर ही बरकरार रखा जाए। इस तथ्य के बावजूद सरकार का प्रयास रहेगा कि 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले व्यय में कंजूसी ना दिखाई दे।
वित्त वर्ष 2017-18 की बजट जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार को चाहिए 4.3 Trillion