Buddha Jayanti:जीवन और मन की शांति चाहते हैं तो भगवान बुद्ध के ये 10 अनमोल विचार हमेशा याद रखें
Buddha Jayanti:जीवन और मन की शांति चाहते हैं तो भगवान बुद्ध के ये 10 अनमोल विचार हमेशा याद रखें
नई दिल्ली, 26 मई: आज भारत समेत कई देशों बुद्ध जयंती मनाई जा रही है। बुद्ध जयंती 2021 में भगवान गौतम बुद्ध की 2583वीं जयंती है। इस दिन द्ध पूर्णिमा या वैसाखी बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक भी कहा जाता है। दुनिया भर के बौद्ध और हिंदू धर्म को मानने वाले लोग आज गौतम बुद्ध के जन्म को बुद्ध जयंती के रूप में मना रहे हैं। श्रीलंका, म्यांमार, कंबोडिया, जावा, इंडोनेशिया, तिब्बत, मंगोलिया में बुद्ध जयंती के दिन खास त्योहार 'वेसाक' के रूप में मनाया जाता है। गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में पूर्णिमा के दिन हुआ था। माना जाता है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था, जो आधुनिक नेपाल में पड़ता है। विश्व के प्रसिद्द धर्म सुधारकों और दार्शनिकों में महात्मा बुद्ध अग्रणी हैं। महात्मा बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं के आधार पर बौद्ध धर्म की स्थापना की है। कहा जाता है कि बौद्ध धर्म ईसाई और इस्लाम धर्म के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। बुद्ध जयंती के शुभ अवसर पर हम आपको भगवान बुद्ध के 10 ऐसे अनमोल विचार बता रहे हैं, जिसे आपको हमेशा याद रखना चाहिए।
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भगवान बुद्ध के 10 अनमोल विचार
- 1. अपने मोक्ष के लिए इंसान को खुद ही प्रयत्न करना चाहिए, दूसरे पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
- 2. जिसने अपने मन को वश में कर लिया, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते हैं।
- 3. तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे।
- 4. हम वह हैं, जो हम सोचते हैं। हमारा उदय हमारे विचारों के साथ हुआ है। अपने विचारों के साथ ही हम दुनिया बनाते हैं।
- 5. मनुष्य जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म से शूद्र और ब्रम्हाण होता है। कोई भी पुरुष अपने कर्मों से महान बनता है, जन्म से नहीं।
- 6. क्रोध को पाले रखना, गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के समान हैं, इसमें सिर्फ आप ही जलते हैं।
- 7. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, विश्वास सबसे अच्छा रिश्ता है।
- 8. अतीत पर ध्यान मत दो, भविष्य की चिंता मत करो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर नियंत्रित करो।
- 9. एक पल एक दिन को बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है, और एक जीवन इस पूरी दुनियां को बदल सकता है।
- 10. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, ठीक वैसे ही मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता है।