BRO ने बदली जोजिला दर्रे की तस्वीर, पहली बार माइनस 20 डिग्री तापमान में भी 178 वाहन गुजरे
नई दिल्ली, 4 जनवरी: सीमा सड़क संगठन या बीआरओ ने लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से माइनस 20 डिग्री तापमान में भी जोड़े रखने के लिए असंभव को भी संभव कर दिखाया है। इस साल के पहले तीन दिनों में भी 11,649 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोजिला दर्रे से होकर 178 वाहन गुजरे हैं, जिसे पहले नामुमकिन समझ लिया गया था। पिछले साल यह सिर्फ 31 दिसंबर तक संभव हुआ था। लेकिन अबकी बार यह साल के पहले तीनों दिन खुला रहा है। इस कामयाबी के लिए बीआरओ के कर्मियों ने दिन-रात मेहनत की है और उसे स्थानीय पुलिसकर्मियों का भी सहयोग मिला है।
अत्यधिक सर्द मौसम में भी खुला रहा जोजिला दर्रा
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भयानक सर्दी के मौसम में भी जोजिला दर्रे को खुला रखकर इस साल एक रिकॉर्ड कायम किया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि बीआरओ ने मुश्किल जोजी पहाड़ी दर्रे (ऊंचाई 11,649 फीट) को 31 दिसंबर के बाद भी खुल रखा है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए रसद आपूर्ति लाइन को खुला रखने के लिए सीमा सड़क संगठन की फ्रंटलाइन प्रोजेकट बीकन और विजयक मुश्किल मौसम की स्थिति में भी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। बीआरओ की इस सफलता पर रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि विकट जोजिला की पहुंच बढ़ाकर इसने अपनी उत्कृष्टता के बेंचमार्क को फिर से ऊंचा कर दिया है, क्योंकि यह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
इस मौसम में असंभव होता था जोजिला दर्रा पार करना
प्रोजेकट बीकन और विजयक लद्दाख की सामाजिक-आर्थिक भलाई के अलावा, रणनीतिक प्रभाव वाली धुरी को कायम रखने के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं। पिछली बार इसने इस दर्रे को 31 दिसंबर, 2020 तक खुले रखना मुमकिन किया था। लेकिन अबकी बार बेहतर और अत्याधुनिक बर्फ हटाने वाले उपकरणों के इस्तेमाल से इसे और आगे की सर्दियों के लिए भी संभव बना दिया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से बीआरओ की सराहना करते हुए कहा गया है, यह योजना और उसकी कोशिशों के परिणाम सभी के सामने हैं, जिसे अब तक कई लोग असंभव मानते थे।
साल के पहले तीन दिनों में जोजिला से 178 वाहन गुजरे
लद्दाख प्रशासन और स्थानीय लोगों ने इस प्रयास की सराहना की है। क्योंकि यह अतिरिक्त इंतजाम उसपर से लॉजिस्टिक के बोझ को कम करता है और स्थानीय निवासियों को कठोर सर्दियों का सामना करने के लिए अतिरिक्त राशन और आपूर्ति को स्टॉक करने में सहायता करेगा। 2022 के पहले तीन दिनों में बीआरओ और पुलिस कर्मियों के सामूहिक सहयोग से करीब 178 वाहन इस दर्रे से होकर गुजरे हैं। (तस्वीरें सौजन्य-पीआईबी)
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'बीआरओ है तो सब मुमकिन है'
साल के पहले तीन दिनों में इतने वाहनों का गुजरना अपने-आप में बहुत बड़ा प्रमाण है। क्योंकि जब तापमान माइनस 20 डिग्री सेंटीग्रेड से भी गिर चुका हो, बर्फीली तूफान वाली अत्यधिक मुश्किल परिस्थितियां हों, जिसकी वजह से दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में सड़क से बर्फ हटाने और सड़क को पहिए के चलने लायक आधार देने के लिए रखरखाव बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो कि बीआरओ के कर्मयोगी लगातर अंजाम दे रहे हैं। बता दें कि 2 जनवरी को बीआरओ ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें उस तारीख को पहली बार यहां से 72 वाहन गुजरे थे। इसमें लिखा गया था, 'यह अद्भुत उपलब्धि कर्मयोगियों के कठिन साहस से ही प्राप्त की जा सकती है, जो सभी बाधाओं के बावजूद डटे रहे। बीआरओ है तो सब मुमकिन है।'