लड़का-लड़की भागे, लड़के की मां ने लगाया गैंगरेप का आरोप
बेटी के लापता होने पर परिवार ने लड़के वालों को अगवा कर पीटा, मां के साथ बलात्कार का आरोप.
"उन्होंने हमसे सारे कपड़े उतरवाए. मेरी पत्नी ने अपने बेटे के सामने कपड़े उतारे. उन्होंने मेरे बेटे से कहा कि अपनी मां के साथ ग़लत काम कर."
सुंदर (बदला हुआ नाम) के बाएं हाथ में चोट है. नज़रें झुकाकर वह सब बयान करते रहे. बेटे के लिए यह सब दोबारा सुनना शायद मुश्किल था इसलिए वो बीच में ही उठकर चला गया.
यह उत्तर प्रदेश में बाग़पत के एक दलित परिवार की कहानी है.
इस मामले में ज़्यादती का आरोप भी एक दलित परिवार पर है जो शामली ज़िले का रहने वाला है. उनकी लड़की एक महीने से लापता है.
जिन पर आरोप लगा है उनकी माली हालत पीड़ित परिवार से बेहतर है.
बात शुरू होती है एक कथित प्रेम प्रसंग से. गाज़ियाबाद में अपने मामा के घर से एक लड़की 25 नवंबर को ग़ायब हो जाती है.
उसी घर में रहने वाले एक लड़के का भी तब से कोई अता-पता नहीं. दोनों के परिवारों में रिश्तेदारी भी है.
एक महीने बाद 25 दिसंबर को शामली के थाना भवन पुलिस स्टेशन पर ख़बर आती है कि लड़की के परिवार वालों ने लड़के के परिवार को एक हफ़्ते से अपने घर में बंदी बनाकर रखा हुआ है.
उन्हें वहां से पुलिस ने छुड़ाया. अपने साथ हुई ज़्यादतियों की कहानी परिवार ख़ुद बताता है.
'हमारे साथ जो हुआ, मैं भूल नहीं सकती'
"पहले दिन तो हमें फ़ोन करके बुलाया गया कि दोनों बच्चे मिल नहीं रहे हैं. मैं, मेरी पत्नी और बड़ा बेटा, हम तीनों रिश्तेदारी के लिहाज से चले भी गए. पहले दिन तो हमें ठीक से रखा, खाना खिलाया, बातचीत हुई लेकिन अगली सुबह (20 दिसंबर) हमें एक कमरे में बंद कर दिया गया."
आपबीती सुनाते हुए सुंदर नज़रें झुकाकर बात करते हैं.
वह बाग़पत के एक गांव में पत्नी, दो बेटों और एक बेटी के साथ एक कमरे के घर में रहते हैं. 4-5 महीने तक ईंट की भट्ठी में काम करके परिवार पूरे साल किसी तरह गुज़र-बसर करता है.
सुंदर का आरोप है कि लड़की के चाचा रणबीर (बदला हुआ नाम) ने अपने दो भाइयों और बेटे के साथ उनकी पिटाई की.
उनका दावा है कि जिस बेटे पर लड़की 'भगा ले जाने' का आरोप लगा है, उससे उनके संबंध अच्छे नहीं थे और वो पांच साल से उनके साथ नहीं रहता.
सुंदर बताते हैं कि, "वो शराब के नशे में हमें मारते रहे. आधे घंटे तक लोहे की रॉड से हमें पीटा."
इसके बाद उनकी पत्नी ने धीमी आवाज़ में बताया. "जब हमारी पिटाई हो रही थी तो रणबीर ने मेरे पति और बेटे को दूसरे घर ले जाकर बंद कर दिया. फिर बारी-बारी से चारों ने खेत में ले जाकर मेरे साथ ग़लत काम किया. मैंने बाद में भी अपने पति या बेटे को कुछ नहीं कहा. हमें कहा कि जब तक हमारी बेटी नहीं मिल जाती, तुम्हें जाने नहीं देंगे. हमारे साथ जो हुआ, वो मैं भूल नहीं सकती."
बेटा किसी तरह निकल भागा तो ख़बर मिली
सुंदर का बेटा 25 दिसंबर को शौच के बहाने से बाहर निकला और किसी का फ़ोन लेकर अपने पड़ोसी को सारी जानकारी दी.
उसके बाद वो भागकर पास के थाना भवन पुलिस स्टेशन में पहुंचा और शिकायत दर्ज की.
थाना भवन पुलिस स्टेशन के एसएचओ कृष्ण कुमार ने बताया कि जब वो टीम के साथ मौक़े पर पहुंचे तो पति-पत्नी काफ़ी डरे हुए थे.
कृष्ण कुमार ने कहा, "उनमें इतना डर था कि पत्नी ने बोला कि हम अपनी मर्ज़ी से ही रह रहे हैं यहां, लेकिन सुंदर ने हिम्मत करके बताया कि उनके साथ मारपीट हुई है. ठीक से चलने की हालत में भी नहीं थे वे लोग. उनका तुरंत मेडिकल करवाया गया और रिपोर्ट में चोट की पुष्टि हुई है."
एसएचओ के मुताबिक़ तब तक महिला ने बताया नहीं था कि उनके साथ बलात्कार हुआ है इसलिए तब इसकी पुष्टि के लिए कोई मेडिकल जांच नहीं की गई.
बाद में जब महिला ने बताया तो परिवार वालों ने अपने पड़ोसी की मदद से शामली के एसएसपी अजय पाल से मुलाक़ात की. इसके बाद 29 दिसंबर को एसएसपी ने महिला की मेडिकल जांच के दोबारा आदेश दिए.
अभियुक्त परिवार ने आरोप खारिज किए
मामले का दूसरा पक्ष जानने के लिए अब हम पहुंचे शामली में रणबीर के गाँव.
घर पहुंचे तो किवाड़ खुले थे. सबसे पहले कमरे में तीन-चार बच्चे बैठे थे.
दीवारों पर देवी-देवताओं और भीमराव आंबेडकर की तस्वीरें लगी हुई थीं. घर में 4-5 कमरे हैं. रणबीर कुछ साल पहले गांव प्रधान भी रह चुके हैं.
उनकी पत्नी ने घटना पर अपना पक्ष बताया. लड़के के परिवार वालों से मारपीट से उन्होंने पूरी तरह इनकार किया.
उन लोगों की चोट के बारे में वह बोलीं, "मोटर साइकिल से गिरने की वजह से उन्हें चोट लगी है. वे लोग हमारे रिश्तेदार हैं और अपनी मर्ज़ी से आए थे कि मिलकर लड़का-लड़की को ढूंढ़ते हैं. हमने तो कोई क़ैद करके नहीं रखा था. पुलिस आई तो वो छत पर धूप सेंक रहे थे. लड़के को तो हमने ही भेजा था कि घर हो आ."
इस बीच लड़की की मां भी अपने बच्चों के साथ हमारे पास आकर बैठ गईं. उन्होंने रोते हुए कहा, "उनकी तो बेटी ग़ायब है और उन्हीं पर झूठा आरोप मढ़ा जा रहा है."
रणबीर की पत्नी ने बलात्कार के दावे पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "मेरा तो बेटा भी नाबालिग़ है, उस पर भी ऐसा इल्ज़ाम लगा दिया. अगर बलात्कार हुआ है तो तभी क्यों नहीं कहा, बाद में क्यों याद आया? रणबीर का एक भाई तो आठ साल से यहां आया भी नहीं है."
उसी वक़्त वहां पर गांव के ही दो लोग आकर बैठ गए. पूछने पर उन्होंने बताया कि वे पड़ोसी नहीं है लेकिन गांव के हैं और राजपूत हैं.
इसके बाद मौक़े की कमान उन्होंने अपने हाथ ले ली. उन्होंने बताया कि ये लोग ग़रीब हैं और उनके यहां खेतों में कभी-कभी काम करते हैं.
उन्होंने परिवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वे ऐसा कोई काम नहीं कर सकते. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि "पीड़ित पक्ष अपने पड़ोसी की शह पर सब कर रहे हैं. उस पड़ोसी ने उन्हें फुसलाया है कि इससे पैसे मिलेंगे."
इसके बाद हमारे उस गांव से चले जाने तक वो हमारे साथ ही रहे.
अब तक गायब हैं लड़का-लड़की
महिला ने बाद में अपनी शिकायत में कहा था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है जिसके बाद एफ़आईआर में भारतीय दंड संहिता की धाराएं बढ़ा दी गईं लेकिन एसएचओ कृष्ण कुमार ने बताया कि 'मजिस्ट्रेट को सेक्शन 164 के तहत दिए गए बयान में महिला ने सिर्फ रणबीर का नाम लिया है.'
एसएचओ ने बताया कि 'बलात्कार के आरोप पर हुई मेडिकल जांच की रिपोर्ट में साफ़ तौर पर नहीं आया कि बलात्कार हुआ ही है मगर उसकी आशंका से इनकार भी नहीं किया गया है.'
पूरी घटना के तथ्यों के हिसाब से कथित बलात्कार 20 और 21 दिसंबर को हुआ लेकिन मेडिकल जांच 29 दिसंबर को हो पाई.
इस मामले में रणबीर को गिरफ़्तार कर लिया गया है. उनके दो भाई जिनमें से एक लापता लड़की के पिता हैं और रणबीर का नाबालिग़ बेटा अब तक फ़रार हैं.
लड़के और लड़की का अब तक कोई पता नहीं चला है.