'अच्छा है मेरे माता-पिता अभी जिंदा नहीं हैं...', सोनू सूद के इतनी बड़ी बात कहने के पीछे है दर्दनाक वजह
मुंबई, 23 मई: पिछले साल जब भारत में कोरोना महामारी ने दस्तक दी, तो लाखों लोग मुंबई में फंस गए थे। इस बीच सोनू सूद उनके लिए मसीहा बनकर सामने आए। साथ ही प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने से लेकर उनके रोजगार तक, हर चीज में मदद की। मौजूदा वक्त में भी वो जरूरतंदों तक मेडिकल हेल्प पहुंचा रहे हैं, लेकिन देश के हालात देखने के बाद उनका मन काफी परेशान रहता है। इसका खुलासा हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान किया।
माता-पिता के लिए कही ये बात
सोनू ने कहा कि मौजूदा वक्त में दुनिया की जो स्थिति है, उसे देखकर लगता है कि अच्छा हुआ मेरे माता-पिता अभी जिंदा नहीं हैं। वो सही वक्त पर दुनिया से चले गए। अगर वो कोरोना वायरस की चपेट में आते और बेड-ऑक्सीजन के लिए उनको भटकते देखता, तो मैं टूट जाता। सोनू के मुताबिक उन्होंने कई लोगों को असहाय देखा, जो टूट चुके थे, रो रहे थे। ये सब देखकर बहुत ज्यादा डर लगता है। इससे ज्यादा खराब कुछ भी नहीं हो सकता है।
पिता के साथ करते थे लोगों की मदद
परिवार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पहले पंजाब में मेरी दुकान हुआ करती थी। वहां पर वो अपने पापा के साथ जरूरतमंदों को खाना बांटते थे, जबकि उनकी मां गरीब बच्चों को पढ़ाया करती थीं। जब लॉकडाउन के वक्त उन्होंने लोगों की मदद की, तो उन्हें खुशियों का असली मकसद पता चला। मौजूदा वक्त को देखते हुए सभी नेताओं को राजनीति छोड़ लोगों की मदद करनी चाहिए।
इंजेक्शन की कमी पर किया था सवाल
कुछ दिनों पहले सोनू सूद ने एक ट्वीट किया था, जो काफी चर्चा में रहा। उन्होंने देश के डॉक्टर्स से सवाल करते हुए लिखा है कि एक सिंपल सवाल, जब हर कोई जानता है कि एक खास इंजेक्शन कहीं उपलब्ध नहीं है, तो हर डॉक्टर उस इंजेक्शन की सिफारिश क्यों करता है? जब अस्पतालों को वो दवा नहीं मिल रही है तो आम आदमी को कैसे मिलेगी? लोगों की जिंदगी बचाने के लिए हम उस दवा की जगह कोई और दवा का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते हैं ?
फैंस को अपनी तस्वीर पर दूध चढ़ाते देख सोनू सूद हुए खुश, कविता कौशिक भड़कीं, कही ये बात