दक्षिण के 5 राज्यों पर भाजपा की निगाहें, 2019 में बड़े गठबंधन के साथ उतरने की तैयारी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं और सभी दल अपने-अपने समीकरण बनाने में जुटे हैं। सत्ताधारी दल बीजेपी भी 2014 की जीत को दोहराने की कोशिश में जुटी है जबकि विपक्ष की कोशिश भाजपा को कड़ी चुनौती देने की है। बीजेपी की नजरें अब दक्षिण भारत के राज्यों पर हैं जहां नए गठबंधन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। बीजेपी की कोशिश व्यावहारिक गठबंधन करने की है ताकि अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल की जा सके।
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दक्षिण मेंं सीटें बढ़ाने पर पार्टी का जोर
बीजेपी तेलंगाना को लेकर अभी कुछ स्पष्ट संकेत नहीं दे रही है, लेकिन पार्टी का दावा है कि वो राज्य में टीआरएस के विकल्प के रूप में उभरकर आएगी। वहीं केरल में बाढ़ के बाद जिस प्रकार से राजनीति हुई है, उसको लेकर पार्टी की परेशानी थोड़ी बढ़ी जरूर होंगी लेकिन, बीजेपी नेताओं का कहना है कि वे नहीं सोच रहे हैं कि पिछले कुछ दिनों की घटनाओं का इतना दूरगामी होगा। केरल में बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं रही है, हालांकि पार्टी का वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा है।
कांग्रेस की कमजोरी को भुनाने की कोशिश
दक्षिण भारत के पांच राज्य - आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल - और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी से लोकसभा में 130 सांसद चुनकर आए थे। लेकिन 2014 में अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद, बीजेपी इन राज्यों से 20 सीटें जीत सकी। एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'इन राज्यों में कांग्रेस कमजोर हुई और इस कारण बीजेपी की संभावनाओं को बल मिला है, हम कांग्रेस से बहुत आगे हैं, कांग्रेस अपने सहयोगियों को क्या दे सकती है? बीजेपी बहुत बेहतर स्थिति है।'
तमिलनाडु में नए गठबंधन के संकेत
वहीं, तमिलनाडु की बात करें तो, बीजेपी और डीएमके के बीच हाल के रिश्तों ने राजनीतिक नजरिये को बदलने पर मजबूर किया है। प्रधानमंत्री मोदी एम करुणानिधि के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। वहीं, डीएमके ने करुणानिधि की याद में बुलाई गई बैठक में अमित शाह को आमंत्रित कर सभी को हैरान कर दिया। इसके अलावा, डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन और कनिमोझी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने दिल्ली भी आए थे।
एक बार फिर पीएम मोदी पर रहेंगी नजरें
एक बीजेपी नेता ने कहा कि AIADMK भी बाजपा विरोधी नहीं और ना ही डीएमके। बीजेपी ने 2014 में एक सीट जीती थी तो उसकी कोशिश यहां और मजबूत होने की होगी।
वही, बीजेपी को भरोसा है कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस का गंठबंधन उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। जबकि आंध्र प्रदेश में पार्टी छोटे दलों के साथ हाथ मिला सकती है। बता दें कि टीडीपी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था जिसके कारण पार्टी को इस राज्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह तमिलनाडु में गंठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरेंगे लेकिन सहयोगी कौन होगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। बीजेपी को भरोसा है कि तमिलनाडु और कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के बाकी राज्यों में पीएम मोदी की छवि पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगी।
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