बीजेपी ने फेसबुक को विज्ञापन देने के मामले में कांग्रेस सहित अन्य दलों को काफी पीछे छोड़ा
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां विज्ञापन के जरिए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, टीवी, प्रिंट,अखबार समेत सोशल मीडिया भी पार्टियां जमकर विज्ञापन दे रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर बीजेपी विज्ञापन देने के मामले में सबसे आगे है। फेसबुक की तरफ से उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक भाजपा और उसके सहयोगियों की राजनीतिक विज्ञापनों पर कुल खर्च में हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक रही। कांग्रेस और उसके सहयोगी इस मामले में तीसरे नंबर पर रहे। दूसरे नंबर पर क्षेत्रीय पार्टियां रही। किसी भी पार्टी के सहयोगियों में पार्टी से जुड़े व्यक्ति, मंत्री, सांसद, विधायक और संगठन के नेताओं के साथ ही वे संगठन भी हैं जो एक विशेष दल को समर्थन करते हैं।
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भाजपा ने खर्च किए 2.37 करोड़ रुपये
इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक फरवरी महीने में भाजपा और उसके सहयोगियों ने 2.37 करोड़ रुपये फेसबुक को विज्ञापन देने में खर्च किए। भाजपा नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव खत्म होने तक सोशल मीडिया पर पार्टी का विज्ञापन खर्च कुल विज्ञापन खर्च का 20-25 फीसदी हो जाएगा। ब्रैंड कंसल्टेंट हरीश बिजूर का कहना है कि बीजेपी का सोशल मीडिया पर विज्ञापन का यह खर्च केवल एक झलक है। बीजेपी का जोर मार्केटिंग पर रहता है। वे ब्रैंड बिल्डिंग और सोशल मीडिया पर विश्वास करते हैं। फेसबुक ने अपनी ऐड आर्काइव रिपोर्ट के हिस्से के तौर पर ये डेटा उपलब्ध कराया है। इकॉनोमिक्स टाइम्स ने इस रिपोर्ट में 5,000 रुपये से अधिक के राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च को ही लिया है।

कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों का खर्च
कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने फरवरी के महीने में फेसबुक को विज्ञापन देने में 10.6 लाख खर्च किए हैं। वहीं क्षेत्रीय पार्टियों की बात करें तो उन्होंने और उनके सहयोगियों ने 19.8 लाख रुपये के विज्ञापन फेसबुक को दिए हैं। क्षेत्रीय पार्टियों में सबसे ज्यादा विज्ञापन देने वालों में बीजू जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी), तेलगूदेशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और शिवसेना प्रमुख हैं। सबसे ज्यादा पैसा खर्च करने वालों में ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल प्रमुख नवीन पटनायक हैं। उन्होंने 32 विज्ञापनों में 8,62,981 रुपये खर्च किए हैं। भाजपा के जयंत सिन्हा ने 2,95,899 रुपये, अमित शाह ने 2,12,071 रुपये और पीयूष गोयल ने 1,47,171 रुपये विज्ञापन में खर्च किए। वहीं आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने 90,975 रुपये और वाईएसआर कांग्रेस के जमगमोहन रेड्डी ने 1.76,982 रुपये खर्च किए।

इन विज्ञापनों मे सबसे ज्यादा हुआ खर्च
बीजेपी के 'भारत के मन की बात' के प्रचार में 1.1 करोड़ रुपये फरवरी में खर्च किए गए। बीजेपी का ये आधिकारिक पेज है। 'नेशन विद नमो' पेज में फरवरी के महीने में 60 लाख रुपये खर्च विज्ञापन में खर्च किए गए। वहीं 'MyGov'जैसे सरकारी विभाग और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों का भी फेसबुक पर 35 लाख रुपये से अधिक खर्च रहा। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी के सोशल मीडिया पर विज्ञापन के बजट का बड़ा हिस्सा फेसबुक और उसके फोटो शेयरिंग प्रॉडक्ट इंस्टाग्राम को मिलने की आशा है। अक्टूबर 2018 के डेटा के मुतबिक भारत में फेसबुक के 29 करोड़ 40 लाख यूजर हैं। फेसबुक ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले राजनीतिक विज्ञापनों के लिए कड़े नियम बनाए हैं। भारतीय राजनीति से जुड़े फेसबुक पर सभी विज्ञापनों को कंपनी के ऑथराइजेशन प्रोसेस का पालन करना होगा। इसे दिसंबर में जारी किया गया था। राजनीतिक विज्ञापनों में अब उनके प्रशासकों और फंड देने वालों की जानकारियां भी दिखाई देंगी।