सपा और बसपा गठबंधन के बीच मोदी-शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दिया यूपी जीतने का मंत्र
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी नेताओं ने गठबंधन में आगामी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह भर दिया है। उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 2019 में जीत के लिए रोडमैप बताया गया है।
भाजपा को उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, फूलपुर, कैराना, नूरपुर जैसी सीटों पर हुए उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इन पराजयों को पीछे छोड़ भाजपा उत्तर प्रदेश मे ग्राउंड लेवल पर अपनी रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा बीते एक साल से जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
जनहित के लिए लखनऊ गेस्टहाउस कांड को पीछे छोड़ा, सपा से गठबंधन पर मायावती की बड़ी बातें
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी में 2017 में विधानसभा चुनाव में बूथ पर जीत का फॉर्मूला तैयार किया था और इसमें कामयाब भी रहे थे। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए 1.67 लाख बूथों के लिए 21 सदस्यों की बूथ कमेटी बनाई है।
भाजपा बाइक रैली, सम्मान समारोह और पदयात्रा जैसे कार्यक्रमों के जरिए तहसील और ब्लॉक स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत कर रही है। रात को पार्टी चौपाल लगाई जा रही है, इसमें कार्यकर्ताओं को खूब अहमियत दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में जहां सीएम आदित्यनाथ हिन्दुत्व का चेहरा हैं तो वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ओबीसी के बीच काम कर रहे हैं।
दलित वोटों को लुभाने के लिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज को एससी सेल का जिम्मा सौंपा है तो सांसद विनोद कुमार कौशल किशोर और पूर्व सांसद जुगल किशोर को दलितों को बीच जाने को कहा है। भाजपा दलितों और ओबीसी वोटों को अपनी ओर करना चाहती है। गैर-जाटव वोट, जिसमें पासी, कोरी, खटीक, वाल्मिकी, धानुक वगैरह जातियां आती हैं, पर भाजपा की नजर है। वहीं ओबीसी जातियों के बीच भी लगातार भाजपा काम कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में क्रायकर्ताओं से 74 से 75 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चलने को कहा है। प्रधानमंत्री ने भी कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ाया है। वहीं कार्यकर्ता मान रहे हैं कि भाजपा के सवर्णों को आर्थिक आधार पर दस फीसदी आरक्षण के फैसले ने भी खेल को बदलने का काम किया है।
भाजपा 100 दिन में बताए, हमें साथ रखना चाहती है या नहीं: ओम प्रकाश राजभर