राज ठाकरे के बर्थडे पर 9 रुपये सस्ता मिला पेट्रोल, पंपों पर टूट पड़े लोग
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मुंबई। हमेशा अपने बयान के जरिए जहर उगलने वाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 14 जून को अपना 50वां जन्मदिन मनाया, इस मौके पर उन्होंने लोगों से गिफ्ट लेने के बजाय लोगों को ही बड़ा तोहफा दे दिया। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र राज्य के कुछ चुनिंदा पेट्रोल पम्प पर दो पहिया वालों को पेट्रोल की कीमतों में 4 से 9 रुपये की छूट दी , जिसके बाद तो लोगों में सस्ता पेट्रोल भरवाने के लिए होड़ मच गई, लोगों ने जमकर अपने वाहनों की टंकी फूल करवाई।
राज ठाकरे के बर्थडे पर 9 रुपये सस्ता मिला पेट्रोल
हालांकि ये सुविधा गुरूवार को सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक थी। पेट्रोल पंप मालिकों को कोई घाटा न हो, इसलिए बकाया राशि का भुगतान मनसे की तरफ से किया गया।
पेट्रोल को सस्ता बेचकर ठाकरे मे जीता लोगों का दिल
आपको बता दें कि मनसे सुप्रीमो की ओर से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में पिछले दिनों हो रहे इजाफे के लिए लगातार कोसा जा रहा था, ऐसे में उन्होंने अपने जन्मदिन पर पेट्रोल को सस्ता बेचकर जहां मोदी सरकार पर निशाना साधा है, वहीं दूसरी ओर जनता को भी खुश कर दिया है।
राज ठाकरे का परिचय
मनसे चीफ राज ठाकरे का पूरा नाम राज श्रीकांत ठाकरे है। 14 जून 1968 को जन्मे राज ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के स्थापक अध्यक्ष हैं। वे शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे के भतीजे और शिवसेना के वर्त्तमान कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं। राज ठाकरे के पिता श्रीकांत एक संगीतकार, कार्टूनिस्ट और उर्दू भाषा की शेरो शायरी में निपुण थे। उन्होंने कुछ मराठी फिल्में भी बनाई थी। राज की पत्नी शर्मिला, प्रसिद्ध मराठी रंगमंच/फिल्म अभिनेता, निर्माता और निर्देशक मोहन वाघ की बेटी हैं। उनका एक बेटा अमित ठाकरे और एक बेटी उर्वशी ठाकरे है।
राजनीतिक सफर
कभी शिवसेना के भावी नेता के रूप में देखे जाने वाले ठाकरे ने महाराष्ट्र में बाल ठाकरे की शिवसेना पार्टी के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू कर दिया। 'कथित तौर पर बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे द्वारा दरकिनार किये जाने पर 9 मार्च 2006 को राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एम एन एस) का गठन किया। महाराष्ट्र में औद्योगिक और ग्रामीण विकास के लिए राज ठाकरे ने आधिकारिक तौर पर शिव उद्योग सेना का गठन किया और इसके लिए कार्यकारी समिति भी नियुक्ति की।
राज ठाकरे का मराठा राग
उन्होंने मराठी युवकों को स्वरोजगार के लिए कर्ज भी दिए लेकिन वो विकास से ज्यादा अपने विवादों के लिए चर्चित रहते हैं। उन्होंने हमेशा कहा कि मराठा राज्य में किसी और के राज्यों के लोगों की जरूरत नहीं है और इसी वजह से वो अक्सर आलोचनाओं के घेरे में रहते हैं।
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