महाभारत काल में इंटरनेट की बात साबित करने के लिए बिप्लब देव ने किया 104 सैटेलाइट का जिक्र
नई दिल्ली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने जिस तरह से यह बयान दिया था कि इंटरनेट और सैटेलाइट का आविष्कार महाभारत काल में ही हो गया था, इसके बाद वह लगातार सुर्खियों में है। तमाम आलोचनाओं के बाद भी देब अपने बयान से पलटे नहीं हैं और उन्होंने अपने बयान का समर्थन करते हुए इसरो द्वारा लॉच किए गए 104 सैटेलाइट का जिक्र किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट भेजा जोकि यहा साबित करता है कि महाभारत, रामायण और उपनिषद सबसे विकसित प्राचीन विज्ञान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति बहुत महान है और 99 फीसदी भारत के लोग इस बात पर भरोसा करते हैं कि भारत और इसकी संस्कृति बहुत महान है। मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिप्लब ने कहा था कि महाभारत काल में भी इंटरनेट और सैटेलाइट की सुविधा उपलब्ध थी। अन्यथा कैसे संजय धृतराष्ट्र को महाभारत का आंखों देखा हाल सुना सकते थे। इससे साबित होता है कि उस वक्त भी इंटरनेट और सैटेलाइट की सुविधा थी।
शुक्रवार को अपने बयान का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण, महाभारत और उपनिषद भरोसेमंद सबूत हैं हमारी संस्कृति की। अगर संजय वह सबकुछ देख सकते हैं जो 50 किलोमीटर दूर युद्ध के मैदान में हो रहा है और उसे राजा को बता सकते हैं तो निसंदेह ही उस वक्त कोई तकनीक रही होगी। यह उनकी आंख नहीं हो सकती है, कोई तकनीक रही होगी, संजय की इस तकनीक को आज हम इंटंरनेट के नाम से जानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग यह सोचते हैं कि यूरोपियन हमसे तकनीक के मामले में आगे थे और हमने उनसे सीखा है, जो भारत की संस्कृति को नीचा दिखाना चाहते हैं, हमारी परंपराओं को को नीचा दिखाना चाहते हैं वह मेरे बयान से नाराज हैं। वह लोग इन चीजों को नहीं समझते हैं, मुझे लगता है कि इंटंरनेट कभी अस्तित्व में नहीं आता अगर महाभारत में जो कहा गया था उसे लोगों ने जमीन पर उतारने का संकल्प नहीं लिया होता।