क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नीतीश की हैट्रिक के पीछे उनका हाथ जिन्होंने मोदी को पीएम बनाया

Google Oneindia News

पटना। जी हां, दोस्तों आपने सही सुना...आज अगर वापस नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी संभालने जा रहे हैं उसके पीछे कारण उस व्यक्ति का दिमाग है जिसने साल 2014 में कांग्रेस का तिलिस्म तोड़कर गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी को देश का पीएम बनवाया था। जिसकी वजह से भारत से लेकर अमेरिका तक में इस बात की चर्चा होती है कि कैसे एक चाय वाले का बेटा भारत का पीएम बना।

Pics: नया पोस्टर- बिहार में बहार है, Mr. Kumar फिर एक बार है

जानना चाहते हैं कौन है वो शक्स..तो सुनिए उस व्यक्ति का नाम है प्रशांत किशोर, जो कि 2014 के आम चुनाव में मोदी के रणनीतिकार थे लेकिन इस बार किशोर मोदी की पार्टी के साथ नहीं नीतीश कुमार के साथ थे और नतीजा आपके सामने है।

नीतीश की सक्सेस के पीछे प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने नये तरीके से बिहार में नीतीश कुमार और उनके गठबंधन के प्रचार का प्रोग्राम तैयार किया। आईये स्लाइडों से जानते हैं उन्होंने किस तरह से तैयार की ब्रैंडिग स्ट्रेटेजी...

केसरिया के बदले लाल-पीला

केसरिया के बदले लाल-पीला

प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी भी चीज को जब तड़क-भड़क के साथ पेश किया जाता है तो लोग उसके प्रति आकर्षित होते हैं इसलिए उन्होंने बीजेपी के भगवा रंग के मुकाबले में नीतीश-लालू के लिए लाल और पीले रंग का इस्तेमाल किया। इसलिए पूरे प्रचार के दौरान महागठबंधन लाल और पीले रंग में ही नजर आयी।

सोशल मीडिया पर प्रचार

सोशल मीडिया पर प्रचार

प्रशांत किशोर ने चुनाव के लिए बूथ स्तर तक के आंकड़ों का विश्लेषण, मतदाताओं को आकर्षित करने वाले अभियान, स्वयंसेवकों का प्रबंधन और सोशल मीडिया लोगों को जुटाने का काम किया।

मांझी को हटवाया

मांझी को हटवाया

खबर तो यह भी है कि प्रशांत किशोर ने ही नीतीश कुमार पर जोर डाला था कि वो जीतन राम मांझी को सीएम पोस्ट से हटाये क्योंकि यह उनके लिए खतरे वाला हो सकता है।

बिहार की ब्रैंडिंग

बिहार की ब्रैंडिंग

किशोर ने पिछले छह महीने में नीतीश कुमार को न केवल पार्टी के चेहरे के तौर पर प्रचारित किया बल्कि सरकार, सुशासन, विकास और बिहार की ब्रैंडिंग की।

मोदी पर भारी नीतीश

मोदी पर भारी नीतीश

प्रशांत किशोर ने नीतीश को फिर से आम लोगों के नेता के तौर पर प्रचारित किया और इनका यह प्रचार मोदी की लोकप्रियता पर भारी पड़ा।

'घर-घर दस्तक'

'घर-घर दस्तक'

प्रशांत किशोर ने ही नीतीश से कहा था कि 'घर-घर दस्तक' वाला अभियान चलाये, जिसका फायदा नीतीश को हुआ।

टीवी-पेपर पर नो एड

टीवी-पेपर पर नो एड

टीवी और पेपरों में बीजेपी की तरह प्रचार नहीं किया बल्कि नीतीश के लोग घर-घर जाकर लोगों से मिले और पार्टी का प्रचार किया। यह प्रशांत का ही दिमाग था।

बीजेपी को हुई गलतफहमी

बीजेपी को हुई गलतफहमी

विज्ञापन में नजर आने के कारण बीजेपी को गलतफहमी हो गई कि वो जीत रही है और वो ओवर कान्फिडेंस में आ गई।

नीतीश-लालू साथ-साथ मंच पर नहीं

नीतीश-लालू साथ-साथ मंच पर नहीं

प्रशांत किशोर ने ये भी तय किया कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव एक साथ बहुत ज़्यादा रैलियों में नहीं जाएं क्योंकि दोनों नेताओं की स्टाइल अलग थी, उनके श्रोता अलग-अलग हैं और जातिगत पकड़ भी अलग-अलग है।

अमित शाह की वजह से बीजेपी में उपेक्षित

अमित शाह की वजह से बीजेपी में उपेक्षित

कहा जाता है कि नीतीश से ज्यादा प्रशांत किशोर के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न था क्योंकि मोदी के पीएम बनने के बाद उन्हें बीजेपी में काफी उपेक्षित होना पड़ा था, जीत का सेहरा पीएम ने उनके बजाया अमित शाह पर बांधा था, जिसके बाद शाह की ओर से वो हमेशा उपेक्षित रहे, इसी कारण उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ नीतीश का हाथ थामा था और आज वो सफल भी हो गये।

English summary
One of the factors in Nitish Kumar's victory in Bihar is the man who had once crafted Prime Minister Narendra Modi's national election campaign - Prashant Kishor.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X