गजब! कांग्रेस नेताओं ने भाजपा नेता को ही चुन लिया यूथ कांग्रेस का महासचिव
कांग्रेस जमीनी हकीकत से कितनी दूर है, इसका अंदाजा उस वक्त हुआ, जब यूथ विंग महासचिव पद के लिए भाजपा नेता को ही चुन लिया गया।
नई दिल्ली। Madhya Pradesh Congress elects bjp leader. मध्य प्रदेश में अपने बागी नेताओं की वजह से सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस अभी तक नेतृत्व के संकट से जूझ रही है। हाल ही में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक भी बुलाई, जिसमें राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग हुई। हालांकि, पार्टी के लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस जमीनी हकीकत से कितनी दूर है, इसका अंदाजा उस वक्त हो गया, जब मध्य प्रदेश में यूथ विंग के महासचिव पद के लिए पार्टी नेताओं ने एक ऐसे नेता को चुन लिया, जो करीब 9 महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके बाद कांग्रेस नेताओं को जैसे ही अपनी भूल का एहसास हुआ, तो तुरंत उस नेता का चुनाव रद्द किया गया।
क्या है पूरा मामला?
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले का है, जहां भाजपा नेता हर्षित सिंघई को यूथ कांग्रेस के महासचिव पद के लिए चुना गया। हर्षित सिंघई उस वक्त हैरान रह गए, जब उन्हें फोन पर अपनी नई जिम्मेदारी यानी यूथ कांग्रेस का महासचिव चुने जाने पर बधाई संदेश मिलने लगे। हर्षित सिंघई बीते मार्च में उस वक्त कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई विधायकों ने पार्टी छोड़ी थी। हालांकि 9 महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस ने अपना रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया और एक भाजपा नेता को पार्टी पदाधिकारी के तौर पर चुन लिया।
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हर्षित सिंघई को मिले 12 वोट
जबलपुर में यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों का चुनाव बीते शुक्रवार को हुआ था, जिसमें हर्षित सिंघई को 12 वोट हासिल करने के बाद महासचिव पद के लिए चुना गया। मामले को लेकर हर्षित सिंघई ने मीडिया से बात करते हुए बताया, 'सबसे ज्यादा हंसने वाली बात ये है कि संगठन के उस चुनाव में कांग्रेस के किसी नेता को कोई दिलचस्पी ही नहीं थी और मुझे महासचिव चुन लिया गया। मैं तो सिंधिया जी के साथ 10 मार्च को ही कांग्रेस छोड़ चुका हूं। यूथ कांग्रेस के चुनाव के लिए मैंने नामांकन भी तीन साल पहले किया था।'
कैसे हुई कांग्रेस से ये चूक
हालांकि हर्षित सिंघई ने कांग्रेस नेताओं की इस भूल की वजह का भी खुलासा किया। हर्षित ने बताया, 'नामांकन होने के बाद कांग्रेस में संगठन के चुनाव लगातार पीछे हटते रहे। पहले 2018 में राज्य के विधानसभा चुनाव और फिर 2019 में लोकसभा चुनावों की वजह से संगठन के चुनाव की तारीख टलती रही। जब मैं सिंधिया जी के साथ भाजपा में शामिल हुआ, तो मैंने कांग्रेस नेताओं से अनुरोध किया कि यूथ कांग्रेस के चुनाव में से मेरा नाम हटा दें, लेकिन उन लोगों ने कुछ किया ही नहीं।'
'मैंने राहुल गांधी को भी मेल किया था'
हर्षित सिघई ने आगे बताया, 'इसके बाद जब दोबारा मैंने फोन कर अपना नाम हटाने का अनुरोध किया तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं पार्टी को एक मेल भेजूं, जिसमें कांग्रेस छोड़ने की परिस्थितियों के बारे में बताऊं। मैंने कमलनाथ और राहुल गांधी को मेल भी लिखा, लेकिन फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया। ये एक नजारा है, इस बात का कि मध्य प्रदेश में यूथ कांग्रेस की क्या हालत है। वो लोग जो अब पार्टी का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें भी पद पर चुना जा रहा है।'
मामले पर कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा
वहीं, इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुनाल चौधरी ने हर्षित सिंघई के ऊपर झूठ बोलने और उनकी पार्टी को बदनाम करने का आरोप लगाया। कुनाल चौधरी ने कहा, 'हर्षित सिंघई ने अपनी पूर्व पार्टी को बदनाम करने के लिए सस्ती राजनीति का सहारा लिया और अपना नामांकन वापस लेने के बारे में झूठ बोला। हालांकि जैसे ही हमें इस बारे में पता चला, उनका चुनाव रद्द कर दिया गया।'