जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया, खत्म हुआ विशेष राज्य का दर्जा, अमित शाह ने पेश किया प्रस्ताव
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नई दिल्ली। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर राज्य में लागू धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश कर दिया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद एक कानून को राज्य से हटाया जा सकता है। इसके हटने के बाद से जम्मू कश्मीर राज्य को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो जाएगा। ताजा जानकारी के तहत जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। लद्दाख एक अलग राज्य बना दिया गया है।
एतिहासिक गलती सुधारने का दिन
गृहमंत्री अमित शाह जब प्रस्ताव पेश कर रहे थे तो उनका कहना था कि सरकार इसके जरिए एक एतिहासिक गलती को सुधार रही है। पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर में दुविधा की स्थिति बनी हुई थी और जवानों की तैनाती की जा रही थी। सोमवार को अमित शाह की तरफ से जो बयान दिया गया वह सरकार की ओर से राज्य के हालातों पर पहला आधिकारिक बयान था। राज्य में सुरक्षा के हालात पहले से ज्यादा कड़े कर दिए गए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था। इसके अलावा घाटी में मोबाइल इंटरनेट, फिक्सड लाइन फोन भी बंद कर दिए गए थे।
फोन इंटरनेट सब बंद
सरकारी ऑफिसर्स को सैटेलाइट फोन दिए गए थे ताकि वे आपसी संपर्क कायम रख सकें। रविवार को प्रशासन की तरफ से कहा गया कि आदेश के मुताबिक मूवमेंट बंद रहेगा। साथ ही सभी शैक्षणिक संस्थाओं को भी बंद रखा जाएगा। प्रशासन के एक ऑफिसर की तरफ से बताया गया कि किसी भी तरह की पब्लिक मीटिंग्स और रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है। श्रीनगर में कर्फ्यू जारी रहेगा और बिना इजाजत लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं।
साल 2014 में बीजेपी का वादा
साल 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की ओर से वोटर्स को किया गया यह सबसे पहला वादा था। धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है और साथ ही यहां का राष्ट्रध्वज अलग होता है। जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है। जहां देश में आमतौर पर विधानसभा चुनाव पांच वर्ष में होते हैं, जम्मू कश्मीर में छह वर्ष में होते थे।
शादी करने पर नागरिकता भी खत्म
सिर्फ इतना हीं नहीं अगर राज्य में तिरंगे या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान भी होता तो उसे अपराध नहीं माना जाता था। जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर लेती तो उसकी नागरिकता खत्म हो जाती थी लेकिन पाकिस्तान के नागरिक से शादी करने पर उसके पास जम्मू कश्मीर की नागरिकता बरकरार रहती थी।