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भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस, ASG बोले हर मामला SC में क्यों?

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांचों वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर सुनवाई हुई। अदालत में दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें पेश की गईं और इस दौरान तीखी बहस भी देखने को मिली। केंद्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने याचिकाकर्ताओं के सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि उनके पास हाईकोर्ट या निचली अदालत में जाने का भी विकल्प था तो मामले को सीधे सुप्रीम कोर्ट में क्यों लाया गया?

अगली सुनवाई 19 सितंबर को

अगली सुनवाई 19 सितंबर को

ASG मनिंदर सिंह ने कहा कि नक्सलवाद की समस्या गंभीर मसला है और इस तरह की याचिकाओं को सुना जाएगा तो फिर एक खतरनाक प्रिंसिपल सेट होगा। वहीं, याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मांग की और कहा कि इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जाए। इसपर कोर्ट ने कहा कि अगर एसआईटी जांच की बात है तो फिर अपनी याचिकाओं को संशोधित कर अदालत में दायर करें।

महाराष्ट्र सरकार ने बताया देश की शांति के लिए खतरा

महाराष्ट्र सरकार ने बताया देश की शांति के लिए खतरा

वहीं, सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वकील तुषार मेहता ने रोमिला थापर की याचिका का विरोध किया और कहा कि जिसने यह याचिका दायर की है उसका इस केस से कोई लेना-देना नहीं है। तुषार मेहता ने कहा कि आरोपियों के पास से कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो गलत हैं, ये लोग देश की शांति के लिए खतरा हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी। इस प्रकार 5 वामपंथी विचारकों को 2 दिन और हाउस अरेस्ट में रहना होगा।

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याचिकाकर्ताओं की SIT से जांच कराने की मांग

याचिकाकर्ताओं की SIT से जांच कराने की मांग

इस मामले में सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि हम किसी अतिवादी प्रचार के साथ नहीं हैं, लेकिन यह देखना चाहते हैं कि मामला CRPC के तहत या फिर संविधान के अनुच्छेद 32 से जुड़ा है या नहीं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि यलगार परिषद की सभा के दौरान कोई भी आरोपी मौजूद नहीं था और ना ही FIR में इनका कहीं नाम है।केंद्र सरकार इस मामले में अदालत के सामने केस डायरी और अन्य सबूत पेश करना चाहती है जिसके लिए अगली सुनवाई तक का समय दिया गया है।

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English summary
bhima koregaon raid case, we entertained the case on the foundations of liberty says sc
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