Barack Obama: मैं भारत की बनने वाली नई सरकार के साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं
एक अंग्रेजी अखबार मे छपी खबर के अनुसार, नरेंद्र मोदी की जीत उन लोगों के लिए बहुत बड़ा झटका होगा जो लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि वह एक निरंकुश हिंदू शासक हैं जिनके मुख्यमंत्री रहते हुए उनके राज्य गुजरात में दंगे भड़के थे जिसमें एक हजार लोग, ज्यादातर मुसलमान, मारे गए थे। प्रदेश में दंगों के बाद, जहां के वह 2001 से मुख्यमंत्री हैं, विदेशी देशों ने उनसे मुंह मोड़ लिया था। अमरीका ने 1998 के अपने एक कानून के तहत 2005 में वीजा देने से मना कर दिया था। कानून के मुताबिक, उन विदेशी नेताओं को वीजा नहीं दिया जाता जो अपने यहां इस तरह के दंगों को रोकने में नाकाम रहते हैं।
राष्ट्रीय स्तर मोदी का कद बढ़ने से एशिया में चीन से निपटने के लिए अमरीका को मोदी को लेकर अपनी नीति पर पुन: विचार करना पड़ रहा है। संबंधों को सुधारने के लिए यूरोपियन यूनियन और अमरीका के राजदूत नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। मोदी का दावा है कि उन्होंने 2002 के दंगों में कुछ गलत नहीं किया और 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि उनके खिलाफ कोई केस नहीं है जिसके लिए उन्हें कोई जवाब देना पड़े।
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं मोदी
मार्च में अमरीकी कांग्रेस को आप्रवासन नीति के विशेषज्ञ रूथ वासेम की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 में जिस तरह भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मोदी के पक्ष में फैसला दिया और अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें राजनयिक उन्मुक्ति के साथ साथ वीजा भी मिलेगा। वासेम ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के पास यह शक्ति है कि वह उस व्यक्ति को अमरीका में घुसने पर रोक लगा दें जिसपर मानवता के खिलाफ जुर्म करने के आरोप हैं या ऎसा करने के लिए के लिए साजिश रची हो।