
Patanjali Medicines: 'ड्रग माफिया रच रहे हैं साजिश', 5 दवाओं पर बैन को लेकर पतंजलि ने दिया जवाब
Yoga guru Baba Ramdev: योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर से 'एंटी आयुर्वेद ड्रग माफिया' पर भड़के हैं। दरअसल, बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप की दवाई कंपनी दिव्य फार्मेसी ने आरोप लगाया है कि एंटी आयुर्वेद ड्रग माफिया उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। दिव्य फार्मेसी का ये बयान उस रिपोर्ट पर आया है, जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार ने भ्रामक विज्ञापन के चलते कंपनी की पांच दवाओं के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी ने कहा कि अखबारों में पांच दवाओं पर प्रतिबंध को लेकर जो खबरें छपी हैं, उस आदेश की कॉपी अभी हालांकि उन्हें नहीं मिली है, लेकिन ये स्पष्ट है कि इस साजिश के पीछे वो लोग हैं, आयुर्वेदिक दवाओं के खिलाफ हैं।

'गहन रिसर्च से गुजरते हैं हमारे उत्पाद'
दिव्य फार्मेसी ने अपने बयान में कहा, 'पतंजलि जो भी उत्पाद या दवाएं बनाती है, वो आयुर्वेद की परंपरा के मुताबिक गहन रिसर्च से गुजरते हैं। उनमें क्वालिटी का ध्यान रखते हुए हर तरह की वैधानिक प्रक्रियाओं और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाता है। इसके अलावा सभी उत्पाद और दवाओं के निर्माण में 500 से ज्यादा वैज्ञानिकों की मदद ली जाती है। जो पत्र एक साजिश के तहत लिखा गया है और 9 नवंबर को सभी मीडिया संस्थानों को भेजा गया है, उसकी कॉपी अभी तक किसी भी रूप में पतंजलि संस्थान को नहीं मिली है।'

इन 5 दवाओं पर किया गया था प्रतिबंध का दावा
कंपनी ने अपने बयान में आगे कहा, 'हम मांग करते हैं कि या तो विभाग अपनी गलती सुधारकर, जो लोग इस साजिश में शामिल हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करे, या फिर एक संस्थान के तौर पर पतंजलि को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए कंपनी खुद जिम्मेदार लोगों पर कानूनी एक्शन लेगी।' गौरतलब है कि गुरुवार को कई अखबारों ये खबर छपी कि उत्तराखंड प्राधिकरण ने रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद से उन पांच दवाओं का उत्पादन बंद करने के लिए कहा है, जिनसे ब्लड प्रेशर, शुगर, घेंघा, ग्लूकोमा और हाई कोलेस्ट्रॉल ठीक होने का दावा किया गया है।

'इन 5 दवाओं पर किया गया प्रतिबंध का दावा'
द टेलेग्राफ की खबर के मुताबिक, देहरादून स्थित आयुर्वेद और यूनानी लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने दिव्य फार्मेसी को निर्देश दिया कि मधुग्रिट, आईग्रिट, थायरोग्रिट, बीपीग्रिट और लिपिडोम दवाओं का उत्पादन बंद कर दिया जाए। वहीं, द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह आदेश प्राधिकरण के लाइसेंस अधिकारी डॉ जीसीएस जंगपांगी ने जारी किया है और पतंजलि के ऊपर भ्रामक विज्ञापन देने का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की है।