बीजेपी के किस बड़े 'नेता' को खत्म करना चाहता था IS का Azamov ? सामने आया नाम
नई दिल्ली, 23 अगस्त: रूस ने भारत में सत्ताधारी दल के एक नेता के खात्मे के लिए आ रहे इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावर को वहीं पर धर-दबोचा है। रूसी एजेंसियों ने जो उससे पूछताछ की है, उसमें इस्लामिक स्टेट के इस आत्मघाती हमलावर ने कई बड़े खुलासे किए हैं। उसने बताया है कि उसे आतंकवाद की ट्रेनिंग कहां मिली, उसमें तुर्की का क्या रोल रहा और उसका टारगेट आखिर कौन था और उसे निशाना बनाने के लिए तुर्की से रूस होते हुए भारत आने की ताक में क्यों लगा हुआ था।
नूपुर शर्मा की हत्या के लिए आ रहा था आजमोव- रिपोर्ट
रूस में पकड़ा गया इस्लामिक स्टेट (आईएस) का सुसाइड बॉम्बर आजमोव भाजपा के किस नेता को सफाए के लिए आ रहा था, इसका खुलासा हो गया है। सीएनएन-न्यूज18 की एक रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि आतंकी संगठन आईएस ने उसे भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को खत्म करने का जिम्मा सौंपा था। 1992 में जन्मे आजमोव को तुर्की में इस्लामिक स्टेट में शामिल किया गया था और वहीं पर उसे आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग भी दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि आजमोव को लगता है कि नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया, इसलिए उनका खात्मा हो जाना चाहिए।
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आईएस ने रची नूपुर की हत्या की साजिश-रिपोर्ट
कट्टर इस्लामी आतंकी संगठन आईएस ने पूरी योजना के तहत उसे रूस भेजा था, ताकि वहां से उसे आसानी से भारतीय वीजा मिल सके। सूत्रों का यह भी कहना है कि दिल्ली पहुंचने पर उसे लोकल मदद दिए जाने का भी पूरा भरोसा दिया गया था। पूछताछ के दौरान उसने दावा किया है कि उसे ऑनलाइन ही कट्टरपंथी बनाया गया है और वह अभी तक अपने किसी आका से नहीं मिला है। सूत्र ने बताया कि उसके ऑपरेशन के दूसरे चरण के लिए रूस भेजा गया था।
27 जुलाई को मिली थी सूचना
बीते 27 जुलाई को एक विदेशी एंटी-टेरर एजेंसी ने भारत को इस बात की सूचना दी थी कि रूस में एक आत्मघाती हमलावर को गिरफ्तार किया गया है। सूत्र ने कहा कि एजेंसी ने बताया कि दो आत्मघाती हमलावर जो कि किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान से हैं, उन्हें भारत में आतंकी हमले के लिए तैयार किया गया था। उनमें से एक तुर्की में रह रहा था। गौरतलब है कि तुर्की कि सरकार भी हाल के समय में भारत-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देते दिख चुकी है।
रूस के एफएसबी ने गिरफ्तार किया है
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वह रूस के जरिए भारत आता और उसका वीजा आवेदन अगस्त में रूसी दूतावास या किसी वाणिज्य दूतावास के माध्यम से पहुंचता। यह जानकारी रूस के साथ भी साझा की गई थी, जिसके चलते रूसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) ने उसे पहले ही गिरफ्त में ले लिया। भारतीय खुफिया एजेंसी को जैसे ही इसकी भनक लगी तुरंत आतंकवाद विरोधी दस्ते की बैठकें पूरे देश में हुईं और आईएस नेटवर्क की कमर तोड़ने के लिए इसने सघन कार्रवाई शुरू कर दी। दो दिनों में ही कम से कम 35 जगहों पर छापेमारी की गई और लोगों को हिरासत में लिया गया।
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आजमोव को तुर्की में मिली आतंकी ट्रेनिंग- रिपोर्ट
रूसी सुरक्षा एजेंसी ने अपने बयान में कहा था, 'यह स्थापित हुआ है कि अप्रैल से जून 2022 के दौरान में एक विदेशी को तुर्की में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट के नेताओं में से एक की ओर से एक आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती किया गया था। टेलीग्राम के मैसेंजर अकाउंट के जरिए दूर से ही उसे दिमागी तौर पर तैयार किया गया और इस्तांबुल में आतंकी संगठन के एक प्रतिनिधि द्वारा निजी मुलाकातों के दौरान भी उसे इसके लिए तैयार किया गया।' (कुछ तस्वीरें- प्रतीकात्मक)
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