अयोध्या विवाद पर फैसले का वक्त करीब, यूपी भेजे गए केंद्रीय शस्त्र बल के 4 हजार जवान
नई दिल्ली। अयोध्या के बाबरी मस्जिद राम मंदिर जमीन विवाद पर फैसले को देखते हुए केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में केंद्रीय शस्त्र बल के 4 हजार जवान भेजे हैं। मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई पूरी कर चुका है। इसमें फैसला सुनाए जाने की कोई तारीख अदालत ने नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है कि जल्दी ही फैसला आ सकता है। इसी को देखते हुए अयोध्या और आसपास की सुरक्षा को कड़ा किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश में सुरक्षाबलों के चार हजार जवान भेजने को मंजूरी दी थी। केंद्र ने केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। मंत्रालय ने पैरामिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए धारा-144 लागू कर रखी है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में 17 नवंबर से पहली ही मामले पर फैसला आना है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने ही इस मामले की सुनवाई पूरी की है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त-16 अक्टूबर 2019 तक अयोध्या मामले की नियमित सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अयोध्या में जमीन का विवाद कई दशक पुराना है। इस मामले में सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ विवादित जमीन को राम लला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांट दिया था। जिससे तीनों ही पक्षों ने नाइत्तेफाकी दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट में बीते 9 साल से ये मामला चल रहा है।
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