विराट कोहली पर ‘बदला’ ऑस्ट्रेलियन मीडिया का रवैया
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में रविवार को विराट कोहली की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को एक काँटे के मुक़ाबले में शिकस्त दी और इससे कोहली ने कुछ ऐसे दोस्त बनाए जो पहले उन पर 'ख़फ़ा" थे.
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में रविवार को विराट कोहली की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को एक काँटे के मुक़ाबले में शिकस्त दी और इससे कोहली ने कुछ ऐसे दोस्त बनाए जो पहले उन पर 'ख़फ़ा' थे.
बात ऑस्ट्रेलिया की मीडिया की हो रही है और ज़्यादातर अख़बारों के पहले पन्नों पर कोहली के कारनामे की तारीफ़ की गई है.
विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया की मीडिया का रिश्ता वैसे तो बहुत पुराना है लेकिन थोड़ा खट्टा-मीठा है.
'घमंडी', 'तुनकमिज़ाज' और 'माफ़ी मांगने में यक़ीन न रखने वाले' जैसे जुमले विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया की मीडिया से पहले ही मिल चुके थे.
चाहे वो न्यूज़ीलैंड में हुई टेस्ट सिरीज़ में बतौर कप्तान और बल्लेबाज़ का ख़राब प्रदर्शन रहा हो या उसी सिरीज़ में हैगले ओवल मैदान पर विपक्ष के सलामी बल्लेबाज़ टॉम लैथम के विकेट पर दर्शकों की तरफ़ उँगली उठा कर कुछ कहना, सभी पर ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने कोहली की जम कर आलोचना की है.
'ऑस्ट्रेलियन' अख़बार के नामचीन क्रिकेट राइटर पीटर लैलर ने कहा था, "मैं विराट का बड़ा फ़ैन हूँ लेकिन उनके बर्ताव पर निराश हूँ. आगे चल कर जब वे इस पर सोचेंगे तो उन्हें अंदाज़ा होगा कि उनका व्यवहार ग़लत रहा है."
रविवार रात को पाकिस्तान पर मिली जीत के बाद उसी अख़बार ने हेडलाइन दी है, "विराट कोहली की मास्टरक्लास पारी". हालांकि अख़बार में आर अश्विन के उस डाइव और कैच पर ख़ासी आलोचना की गई है जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था.
कोहली की आलोचना भी की
ऑस्ट्रेलिया के एक और लोकप्रिय अख़बार 'हेरल्ड सन' को ही ले लीजिए. इस अख़बार ने कोहली की तारीफ़ भी है और जमकर आलोचना भी.
2020 में अख़बार के क्रिकेट राइटर सैम लैंडस्बर्जर ने भारत में खेली जा रही ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एकदिवसीय सीरीज़ में बतौर कप्तान और बल्लेबाज़ कोहली की ख़ासी आलोचना की थी और ऐसा ही कुछ तब भी पढ़ने को मिला था जब भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पिछले बार गई थी.
2020 में अख़बार ने लिखा था, "भारत शृंखला हारने की कगार पर है और कोहली 'एक्सपेरिमेंट' करना चाह रहे हैं."
अब मेलबर्न में पाकिस्तान पर मिली जीत के बाद 'हेरल्ड सन' ने कोहली के एक छक्का लगाने वाले शॉट को अपने पहले पन्ने पर छापते हुए लिखा है, "किंग कोहली ने एमसीजी की फ़तह कर ली."
अख़बार ने साथ ही ये भी लिखा है कि "इतने बड़े और सोल्ड-आउट मैच के चलते दुनिया भर से हज़ारों लोग आए और विक्टोरिया की अर्थव्यवस्था और व्यापार के लिए ये बहुत अच्छा साबित होगा."
कोहली और ऑस्ट्रेलिया की शीर्ष क्रिकेट संस्था 'क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया' के बीच ख़राब हुए रिश्ते भी जगज़ाहिर हैं.
2017 में भारत में हुई टेस्ट शृंखला के दौरान बेंगलुरू टेस्ट में कोहली ने कप्तान स्टीव स्मिथ के द्वारा लिए गए एक रिव्यू पर सवाल उठाया था जिस पर 'क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया' के प्रमुख जेम्स सदरलैंड ने कहा था, "मुझे नहीं लगता कोहली को सॉरी बोलना आता है."
फ़िलहाल तो यहाँ के अख़बारों ने सिर्फ़ कोहली के करतब पर भी बात करनी शुरू कर दी है.
'द सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड' के डैनियल ब्रेटिग ने लिखा है कि, "पाकिस्तान पर जीत के बाद कोहली ने कहा कि 2016 के टी-20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेली गई 53 गेंदों में 82 रनों की पारी से ये पारी बेहतर थी. यकीनन, ये क्रिकेट के सबसे ज़्यादा दर्शनीय खिलाड़ियों में से एक ने कहा और ये बड़ी बात है."
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